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32 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर केस में पूर्व पुलिसकर्मियों को सजा..

आतंकी बताकर किया था हत्या का दावा, अदालत में पुलिस की कहानी निकली झूठी…

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पंजाब : 32 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर मामले में अदालत ने पूर्व पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। पुलिस ने 1992 में एक व्यक्ति को आतंकी बताकर मार गिराने का दावा किया था, लेकिन अब अदालत में यह साबित हो गया कि यह एक फर्जी एनकाउंटर था।

मामला उस समय सामने आया जब मृतक के परिवार ने लगातार न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। अदालत में सुनवाई के दौरान यह साबित हुआ कि पुलिस ने झूठी कहानी गढ़कर निर्दोष व्यक्ति को आतंकवादी करार दिया और उसे मार दिया। जांच में यह भी सामने आया कि पुलिस ने इस फर्जी मुठभेड़ को वैध ठहराने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार किए थे।

इस केस में दोषी पाए गए पूर्व पुलिसकर्मियों को अदालत ने सजा सुनाई है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिन लोगों पर थी, उन्होंने ही अपने पद का दुरुपयोग किया और एक निर्दोष व्यक्ति की जान ली। अदालत ने इस फैसले को न्याय की जीत बताया और कहा कि किसी भी स्थिति में कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है।

पीड़ित परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया और कहा कि यह उनके लिए न्याय की एक महत्वपूर्ण जीत है। वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ एक मिसाल करार दिया।

इस मामले ने एक बार फिर पुलिस की जवाबदेही और मानवाधिकारों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


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