युवा पीढ़ी में Silent Heart Attack के बढ़ते मामलों के पीछे क्या कारण हैं, जानें संभावित वजहें
देश में कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने से मौतों की दर लगातार बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, इसका मुख्य कारण मानसिक तनाव, खराब आहार, सिगरेट, शराब और ड्रग्स का सेवन, साथ ही मोटापा है। समय पर मेडिकल जांच न करवाना और खुद इलाज करने की प्रवृत्ति भी हृदय रोगियों को जोखिम में डाल रही है। विदेशों में काम करने वाले युवा भारतीय, अत्यधिक स्ट्रेस और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। मानसिक बोझ के चलते वे अक्सर समय पर खाना नहीं खाते, जो अटैक का कारण बन सकता है।
2017 के एक सर्वे के अनुसार, भारत में दिल की बीमारियों से हर दिन 1 लाख में से 272 लोगों की मौत हो जाती है, और इस आंकड़े में युवाओं की संख्या बढ़ रही है। अब साइलेंट हार्ट अटैक के मामले आम होते जा रहे हैं, खासकर उन लोगों में जो देखने में पूरी तरह फिट लगते हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने, बाजू, पीठ, गर्दन, और पेट में तेज दर्द, पसीना, घबराहट और सांस फूलना शामिल हैं। यह समस्या शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल के कारण होती है। ऐसी स्थिति में, दिल के विशेषज्ञ डॉक्टर ईसीजी जैसी जांचों के माध्यम से प्रारंभिक स्थिति का आकलन करते हैं।
विदेशी युवाओं में स्ट्रेस और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली का असर
विदेशों में काम कर रहे युवा डॉलरों के लालच में अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, जिससे वे स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं। बिगड़े हुए खान-पान, सिगरेट, शराब और ड्रग्स के सेवन के कारण दिल की बीमारियां और साइलेंट हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 45 साल से कम उम्र के युवा इस बीमारी का अधिक शिकार हो रहे हैं, जो बुजुर्गों की तुलना में ज्यादा जोखिम में हैं।
जंक फूड से परहेज जरूरी
डायटीशियन पवन कुमार चावला के अनुसार, स्वस्थ जीवन के लिए व्यक्ति को समय रहते अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए। तली-भुनी चीजों, घी, मक्खन और जंक फूड से परहेज करने से बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ रहने के लिए हरी सब्जियां, मेडिटेशन, पर्याप्त पानी, नियमित पैदल चलना, समय पर भोजन और उचित नींद लेना बेहद जरूरी है।
नियमित जांच है महत्वपूर्ण
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रजनीश शर्मा के अनुसार, दिल के रोग से पीड़ित व्यक्ति को हर तीन महीने में जांच करवानी चाहिए ताकि आंतरिक गतिविधियों का आकलन किया जा सके। सिगरेट, शराब, तनाव, अधिक वजन और तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज कर व्यक्ति दिल के दौरे से बच सकता है।
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