15 अगस्त धमाका साजिश, छह आरोपी गिरफ्तार
जयपुर-टोंक से पकड़े गए 3 नाबालिग समेत 6, पंजाब में कर चुके ग्रेनेड धमाके…..
स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले दिल्ली और मध्यप्रदेश को दहलाने की साजिश रच रहे छह आरोपियों को पुलिस ने जयपुर और टोंक से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में तीन नाबालिग भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह 15 अगस्त को बड़े धमाकों की योजना बना रहा था और इससे पहले पंजाब में ग्रेनेड हमले को अंजाम दे चुका है।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि कुछ अपराधी दिल्ली और मध्यप्रदेश में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विस्फोट करने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आधार पर राजस्थान पुलिस की विशेष टीम ने जयपुर और टोंक में छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान छह लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें तीन बालिग और तीन नाबालिग हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से हथियार, विस्फोटक सामग्री और संचार उपकरण बरामद हुए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह पहले भी पंजाब में ग्रेनेड हमले में शामिल रहा है, जिसका उद्देश्य दहशत फैलाना और सुरक्षा तंत्र को चुनौती देना था।
जांच अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों में सक्रिय है। इनके तार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ कुख्यात अपराधियों और आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने की आशंका है। पुलिस अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में जुट गई है और गिरफ्तार आरोपियों से लगातार पूछताछ हो रही है।
पुलिस के अनुसार, गिरोह की योजना थी कि 15 अगस्त के दिन भीड़-भाड़ वाले इलाकों और संवेदनशील जगहों पर धमाके किए जाएं, ताकि बड़े पैमाने पर नुकसान और दहशत फैलाई जा सके। हालांकि, समय रहते खुफिया इनपुट और त्वरित कार्रवाई के कारण एक बड़ी वारदात को टाल दिया गया।
राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्रवाई को बड़ी सफलता बताया है। उनका कहना है कि इस गिरफ्तारी से न केवल 15 अगस्त की संभावित साजिश नाकाम हुई है, बल्कि इससे जुड़े नेटवर्क की कमर तोड़ने में भी मदद मिलेगी।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें और अफवाहों पर ध्यान न दें। सुरक्षा एजेंसियां पूरे राज्य में हाई अलर्ट पर हैं, खासकर उन जगहों पर जहां स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम होने हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामले यह साबित करते हैं कि आतंकी और आपराधिक नेटवर्क लगातार सक्रिय हैं और इनके खिलाफ त्वरित व ठोस कार्रवाई बेहद जरूरी है। जयपुर और टोंक में हुई इस संयुक्त कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि खुफिया एजेंसियां और पुलिस सतर्क हैं और देश की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर तैयार हैं।