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हरियाली तीज पर जयपुर की अलग है रौनक !

जयपुर: आमतौर पर लोग बारिश को लोग गरमा-गरम पकौड़ियों, मसालेदार चाय और लॉन्ग ड्राइव से जोड़कर देखते हैं लेकिन जयपुर और यहां रहने वालों के लिए बारिश और सावन के कुछ अलग ही मायने हैं। यहां मानसून आता है तो अपने साथ मिट्टी की खुशबू, तीज, मेहंदी और घेवर की महक भी साथ लेकर आता है। रियासत काल में तीज के दिन बहुत ही बड़े-बड़े कार्यक्रम हुआ करते थे। जैसे आज स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम होते हैं। और तो और उस समय तीन दिन का राजकीय अवकाश भी हुआ करता था।

भारत के जयपुर शहर (known as Pink City), की खूबसूरती इस सीजन में अपने चरम पर होती है। क्योंकि जयपुर अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। सावन आते ही ये पहाड़ियां हरियाली की चादर ओढ़ लेती हैं और दूसरा होता है हरियाली तीज का मौका। जयपुर में हरियाली तीज का उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है।

तीन दिनों के इस उत्सव में पहले दिन सिंजारा होता है। इस दिन महिलाएं हरे कपड़े पहनकर हाथों में मेहंदी लगाती हैं।

Hariyali Teej: इस वीकेंड जयपुर जाने की कर लें तैयारी, हरियाली तीज पर यहां होती है अलग ही रौनक
Author: Priyanka Singh
Publish Date: Thu, 28 Jul 2022 03:00 PM (IST)Updated Date: Thu, 28 Jul 2022 03:00 PM (IST)
Hariyali Teej Travel: जयपुर जाकर बनाएं हरियाली तीज को यादगार
Hariyali Teej Travel इस शनिवार-रविवार कहां जाएं अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो जयपुर का प्लान बनाएं क्योंकि 31 जुलाई को हरियाली तीज है और इस मौके पर जयपुर अलग ही रंग में रंग जाता है। जो आपके लिए यादगार अनुभव रहेगा।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hariyali Teej Travel: आमतौर पर लोग बारिश को लोग गरमा-गरम पकौड़ियों, मसालेदार चाय और लॉन्ग ड्राइव से जोड़कर देखते हैं लेकिन जयपुर और यहां रहने वालों के लिए बारिश और सावन के कुछ अलग ही मायने हैं। यहां मानसून आता है तो अपने साथ मिट्टी की खुशबू, तीज, मेहंदी और घेवर की महक भी साथ लेकर आता है। रियासत काल में तीज के दिन बहुत ही बड़े-बड़े कार्यक्रम हुआ करते थे। जैसे आज स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम होते हैं। और तो और उस समय तीन दिन का राजकीय अवकाश भी हुआ करता था।

भारत के जयपुर शहर की खूबसूरती इस सीजन में अपने चरम पर होती है। क्योंकि जयपुर अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। सावन आते ही ये पहाड़ियां हरियाली की चादर ओढ़ लेती हैं और दूसरा होता है हरियाली तीज का मौका। जयपुर में हरियाली तीज का उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है।

तीन दिनों के इस उत्सव में पहले दिन सिंजारा होता है। इस दिन महिलाएं हरे कपड़े पहनकर हाथों में मेहंदी लगाती हैं।

दूसरा दिन तीज और तीसरा दिन बूढ़ी तीज के तौर पर मनाया जाता है। दूसरे दिन की तीज नई नवेली दुल्हनों के लिए होती है तो बूढ़ी तीज बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए होती है।

हरियाली तीज और लहरिया

लहरिया की रौनक तीज पर अपने परवान पर नजर आएगी। यहां की महिलाएं खासतौर से लहरिया पहनकर ही हरियाली तीज का त्योहार मनाती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि बदलते वक्त के साथ लहरिया में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। पहले जहां यहां ट्रेडिशनल वेयर्स मतलब साड़ी, सूट, लहंगों में ही देखने को मिलता था वहीं अब इंडोवेस्टर्न पैटर्न में भी लहरिया देखने को मिल रहा है। शायदी इसी वजह से ये आज भी फैशन में बना हुआ है। जयपुर के खास बाजारों में से एक जौहरी बाजार में पुरानी दुकानों पर आपको लहरिया के कई सारे डिज़ाइन्स मिल जाएंगे। यहां सास अपनी बहू को उसकी पहली तीज पर लहरिया ही उपहार स्वरूप देती हैं।

हरियाली तीज पर खास है घेवर मिठाई

लहरिया के बाद आपको बाजार में मिठाई की दुकानों पर एक और चीज़ जो सबसे ज्यादा देखने को मिलेगी वो है घेवर। वैसे तो यहां पूरे साल ही घेवर का स्वाद चखा जा सकता है, लेकिन तीज के मौके पर अन्य मिठाईयां देखने को ही नहीं मिलती, ऐसा लगता है।

हरियाली तीज पर झूला झूलने का रिवाज़

हरियाली तीज के मौके पर बगीचों में झूला झूलने की भी परंपरा प्रचलित है। पेड़ों पर झूले बांधें जाते हैं। पहले नाव की रस्सियां पेड़ों पर बंधा करती थीं। राजस्थान में आज भी प्रथा प्रचलित है कि यहां महिलाएं अपने मुंह से अपने पति का नाम नहीं लेती हैं लेकिन झूला झूलते के दौरान सखियां एक-दूसरे को छेड़ती हैं।

यहां महिलाएं अपनी पहली तीज अपने मायके में मनाती हैं।

हरियाली तीज का त्योहार पूरे जयपुर शहर का त्योहार है। जिसका अंदाजा आपको यहां आकर ही लगेगा। तो हरियाली तीज 31 जुलाई को है जिस पर रविवार है, तो कल यानी शुक्रवार को निकल लें और शनिवार-रविवार यहां तीज की रौनक देखें।

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