लोकसभा में तीन बिल पेश – लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने आज 130 वा सविंधान संशोधन बिल 2025 पेश किया है
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में तीन अहम बिलों के साथ 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 पेश किया, विपक्ष ने जताई चिंता…..
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में एक साथ तीन महत्वपूर्ण बिल पेश किए है। इनमें सबसे अहम है 130वां संविधान संशोधन बिल 2025, जिसे देश की राजनीति और प्रशासनिक ढांचे में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
लोकसभा में पेश किए गए इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष ने इसे भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और मजबूत बनाने वाला कदम बताया, वहीं विपक्ष ने इसे जल्दबाजी में लाया गया प्रस्ताव बताते हुए सवाल उठाए।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह संशोधन बिल देश की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, जिम्मेदार और जनहितकारी बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। बिल के तहत कुछ विशेष प्रावधान किए गए हैं जिनसे जनता को सीधे लाभ मिलेगा।
हालांकि, अभी तक सरकार ने इसके सभी बिंदुओं का विस्तार से खुलासा नहीं किया है, लेकिन संसदीय सूत्रों के अनुसार इसमें स्थानीय निकायों को अधिक अधिकार, विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी, और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय करने जैसे प्रावधान शामिल हो सकते हैं।
बिल पेश होते ही विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा किया। कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने कहा कि इतने बड़े संशोधन को बिना व्यापक चर्चा के पेश करना जल्दबाजी है। विपक्षी नेताओं का कहना था कि सरकार को पहले सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी पक्षों से विचार-विमर्श करना चाहिए था।
गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन के अलावा दो और बिल लोकसभा में पेश किए:
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बिल – जिसका उद्देश्य सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करना है।
प्रशासनिक सुधार से जुड़ा बिल – जिसके जरिए सरकारी कार्यप्रणाली को सरल और डिजिटल बनाया जाएगा।
ये दोनों बिल भी देश के लिए लंबे समय में अहम साबित हो सकते हैं।
अगर 130वां संविधान संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो जाता है तो यह सीधे तौर पर जनता के जीवन को प्रभावित करेगा।
स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं की गति तेज होगी।
भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी क्योंकि जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही बढ़ेगी।
राज्यों और केंद्र के बीच तालमेल बेहतर होगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि संविधान संशोधन हमेशा बड़े बदलाव लाते हैं। भारत में अब तक 129 बार संविधान संशोधन हो चुका है और हर बार इसका गहरा असर देश की राजनीति और प्रशासन पर पड़ा है। 130वां संशोधन भी निश्चित रूप से ऐतिहासिक माना जाएगा। हालांकि, यह भी जरूरी है कि इसे सभी पक्षों की राय लेकर ही लागू किया जाए ताकि कोई विवाद न हो।
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