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हिसार बिजली विभाग के 4 दफ्तरों में चोरी

RTI में खुलासा, बिना मीटर 5 साल से चल रहे AC-कंप्यूटर….

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हरियाणा के हिसार में बिजली विभाग से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, बिजली विभाग के ही चार दफ्तर पिछले पांच साल से बिना मीटर के बिजली का इस्तेमाल कर रहे थे। इन दफ्तरों में एसी, कंप्यूटर और अन्य उपकरण लगातार चल रहे थे, लेकिन न तो बिजली का मीटर लगा था और न ही खपत का कोई बिल जमा किया गया। यह खुलासा एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन के जरिए हुआ है।

आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी में साफ हुआ कि विभाग के इन दफ्तरों में साल 2019 से लेकर अब तक मीटर नहीं लगे हैं। इसके बावजूद सभी उपकरण नियमित रूप से चल रहे थे और बिजली की खपत का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं रखा गया। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि पांच साल से सरकारी बिजली का खुला दुरुपयोग हो रहा था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि आम उपभोक्ताओं पर जहां बिजली चोरी के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाती है, वहीं विभाग के अपने दफ्तरों में ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। कई बार इन दफ्तरों में लगाए गए एसी लगातार दिनभर चलते देखे गए, जबकि खपत का कोई हिसाब-किताब नहीं था।

सूत्रों का कहना है कि अगर इन दफ्तरों की पांच साल की बिजली खपत का आकलन किया जाए तो यह लाखों रुपये का बकाया बन सकता है। विभाग के अधिकारियों ने अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। हालांकि, आंतरिक जांच शुरू करने की बात कही जा रही है।

आरटीआई में खुलासा होने के बाद आम जनता और सामाजिक संगठनों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर विभाग अपने ही दफ्तरों में मीटर नहीं लगाता और बिल नहीं भरता, तो बिजली चोरी रोकने के अभियान का क्या औचित्य रह जाता है। यह सीधे-सीधे जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी है।

बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित दफ्तरों में तुरंत मीटर लगाने और बकाया बिजली बिल का आकलन कर वसूली करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इस लापरवाही के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।

यह घटना एक बार फिर सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई और नियमित ऑडिट जरूरी है, ताकि भविष्य में सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग न हो।

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