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हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा 23 वर्ष पुराना भूमि नियमन कानून संशोधन निरस्त

167,000 लाभान्वित लोगों को झटका, बुलडोजर की तैयारी

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शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने आज भू-राजस्व संशोधन 263-A को रद्द कर दिया। वर्ष 2002 को प्रदेश की भाजपा सरकार का संशोधन जिसमें 5 से 20 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जों को नियमित करने का कानून बनाया गया था। इस के खिलाफ़ दायर याचिका करता पूनम गुप्ता की अपील पर उच्च न्यायालय द्वारा 8 जनवरी को सुरक्षित रखा फैसला, हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस बिपिन चन्द्र नेगी द्वारा आज सुनाया गया।

फैसले का असर लगभग 167,000 लाभान्वित लोगों पर पड़ेगा। हाई कोर्ट ने 6 महीने में जमीन खाली करने का आदेश दिया है। ऐसे लोगों पर 28 फरवरी 2026 तक बेदखली का डंडा चलाया जाएगा यानि या स्वयं करे अथवा बुलडोजर एक्शन के लिए तैयार रहें।
राज्य सरकार ने वर्ष 1983 से विभिन्न नीतियों के तहत अवैध कब्जों के नियमितीकरण की अनुमति दी थी और 4 जुलाई 1983 की नीति के तहत  यह कानून संशोधन पूर्व भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समय में  जुलाई  2002  में पास हुआ था और 50 रु प्रति बीघा शुल्क ले कर नियमित करने का प्रावधान था।

हाई कोर्ट की पीठ ने अपने 44 पेज के फैसले में कहा कि यह धारा पूरी तरह से मनमानी और संविधान के अनुरूप नहीं है| हाई कोर्ट ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने को Criminal Trespass , का  कानूनी संशोधन करने का आदेश दिया है। इसमें कोई राहत या सुरक्षा का प्रावधान नहीं है। हालांकि विस्तृत आदेश आने पर अधिक जानकारी  मिलेगी।  (मुख्य संवाददाता  की रिपोर्ट)

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1 Comment
  1. Sushil sharma says

    Thanks to News on Radar for updating latest news

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