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हिमाचल में पिकअप हादसा, चार श्रद्धालु मृत

चामुंडा मंदिर से लौटते समय खाई में गिरी गाड़ी, 23 घायल….

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कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) — हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में गुरुवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। पंजाब के श्रद्धालुओं से भरी एक पिकअप गाड़ी खाई में गिर गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 23 लोग घायल हो गए। घायलों में 15 बच्चे शामिल हैं। हादसा उस वक्त हुआ, जब सभी श्रद्धालु प्रसिद्ध चामुंडा देवी मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे।

पुलिस के अनुसार, यह घटना कांगड़ा जिले के नजदीकी इलाके में हुई, जहां पहाड़ी सड़क पर पिकअप का संतुलन बिगड़ गया और वह गहरी खाई में जा गिरी। हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। थोड़ी देर में पुलिस और प्रशासन की टीम भी वहां पहुंच गई।

मलबे में फंसे लोगों को बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि कुछ घायलों की हालत अभी भी नाजुक है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सड़क पर मोड़ के पास गाड़ी तेज गति में थी और चालक शायद ब्रेक पर सही नियंत्रण नहीं रख पाया। बारिश और फिसलन भी हादसे का कारण हो सकती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में सड़कें संकरी और मोड़ बेहद खतरनाक हैं, जहां पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

मृतकों की पहचान पंजाब के विभिन्न जिलों के श्रद्धालुओं के रूप में हुई है। सूचना मिलते ही मृतकों के परिजन हिमाचल के लिए रवाना हो गए। हादसे की खबर से पंजाब के गांवों में शोक का माहौल है।

कांगड़ा के एसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में ओवरस्पीड और सड़क की फिसलन को हादसे का कारण माना जा रहा है, लेकिन वास्तविक कारण की पुष्टि जांच के बाद ही होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक दौरों में अक्सर वाहन क्षमता से ज्यादा लोगों को बैठाया जाता है, जो खतरनाक साबित होता है।

हिमाचल और पंजाब के प्रशासन ने मिलकर घायलों के इलाज और मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके गांव भेजने की व्यवस्था की है। हिमाचल के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है।

इस हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी सड़कों की खतरनाक परिस्थितियों और यातायात सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इन मार्गों पर स्पीड लिमिट का कड़ाई से पालन कराना चाहिए और नियमित रूप से सड़क मरम्मत का काम होना चाहिए, ताकि इस तरह के हादसे रोके जा सकें।

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