
विकास एवं पंचायत विभाग की सतर्कता शाखा के आंकड़ों के अनुसार नूंह जिले की 164 और करनाल जिले की 94 पूर्व ग्राम पंचायतों में अनियमितताओं के सर्वाधिक मामले शामिल हैं. वहीं, गुरुग्राम में 27 और पंचकूला में न्यूनतम गड़बड़ी की 14 शिकायतें हैं। शिकायतों की समीक्षा में पाया गया है कि पूर्व सरपंचों पर वित्तीय शक्तियों के दुरूपयोग के आरोप हैं. इन अनियमितताओं में ग्राम सचिव, जेई, एसडीओ सहित अन्य अधिकारियों की मिलीभगत के भी आरोप हैं।
ये हैं पूर्व सरपंचों पर आरोप
पूर्व की ग्राम पंचायतों पर आरोप हैं कि उन्होंने निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया और राशि का गबन किया. इसके अलावा चेहतों द्वारा ग्राम पंचायतों की जमीनों पर कब्जा करने, बिना काम कराए राशि का गबन करने समेत अन्य आरोप हैं। कई शिकायतों में अधिकारियों के नाम का भी उल्लेख है क्योंकि सरपंच या पंचायत अकेले गबन नहीं कर सकते हैं। निर्माण कार्य व अन्य कार्यों की गुणवत्ता की जांच करना जेई व पंचायती राज अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसलिए ये अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं।
ई टेंडरिंग को लेकर विरोध जारी है
पिछली पंचायतों में सरपंचों के पास वित्तीय अधिकार थे, लेकिन इस बार सरकार ने दो लाख रुपये से अधिक के कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग कराने का फैसला किया है. सरपंच इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि सरकार इसे लागू करना चाहती है। सरकार का तर्क है कि पहले मैनुअली कामों में गलतियां ज्यादा होती थीं।
जिला शिकायत
नूह 162
करनाल 94
हिसार 84
झज्जर 80
जींद 84
रेवाड़ी 83
पलवल 82
पानीपत 82
कैथल 71
कुरुक्षेत्र 61
महेंद्रगढ़ 54
चरखीदादरी 76
यमुनानगर 71
अंबाला 64
फरीदाबाद 56
सिरसा 58
सोनीपत 52
फतेहाबाद 49
भिवानी 46
रोहतक 40
गुरुग्राम 27
पंचकूला 14
कुल 1490
हरियाणा सरकार पंचायतों में पारदर्शिता लाने और विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए ई-टेंडरिंग नीति लाई है। इससे सरपंच विकास कार्यों की निगरानी कर सकेंगे और प्रत्येक कार्य के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गयी है. सरपंचों को ई-टेंडरिंग अपनानी चाहिए। जहां तक पुरानी जांच की बात है, उनकी जांच की जा रही है, इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देवेंद्र बबली, विकास एवं पंचायत मंत्री।
Discover more from News On Radar India
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Comments are closed.