हरियाणा: सरपंचों और पंचायत सदस्यों को हिरासत में लिया गया, पंचकूला-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग 80 घंटे बाद बहाल किया गया

रात 8.30 बजे कार्रवाई करते हुए पंचकूला पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई के दौरान डीसीपी सुमेर प्रताप सिंह व एडीसी वर्षा खनगवाल भी मौके पर मौजूद रहीं. बीते बुधवार दोपहर करीब 1 बजे हाउसिंग बोर्ड पर सरपंचों और पंचायत सदस्यों की पुलिस से झड़प हो गई. प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे थे। इस झड़प में 22 पुलिसकर्मियों समेत कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं. इसके बाद सरपंचों ने पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर ही धरना दे दिया।
इससे पंचकूला से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से पंचकूला आने-जाने वालों को वैकल्पिक मार्ग का प्रयोग करना पड़ा, जिससे जाम सहित अन्य समस्याएं बढ़ गई थी. बच्चों की परीक्षा चल रही है, उन्हें आने-जाने में भी परेशानी हो रही थी। इससे स्थानीय लोग भी परेशान थे।
वहीं शनिवार रात को हिरासत में लिए गए सरपंचों ने कहा कि उनका आंदोलन ऐसे खत्म नहीं होगा. वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। बता दें कि धरने पर बैठे सरपंचों ने शनिवार सुबह अपने टेंट का विस्तार कर दिया था। पहले यहां सिर्फ एक छत्र लगाया जाता था लेकिन शनिवार को आठ से नौ छत्र लगा दिए गए।
वहीं, छोटे स्पीकर की जगह बड़े लाउडस्पीकर लगाए गए। सरपंच एसोसिएशन ने भी ऐलान किया है कि इस बार काली होली हाउसिंग बोर्ड में ही मनाएंगे। एसीपी सुरेंद्र यादव शनिवार सुबह 11.30 बजे धरनारत सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों के बीच पहुंचे। उन्होंने सरपंचों से लिखित आश्वासन लिया कि उनकी एसोसिएशन का कोई भी सदस्य या प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ की ओर मार्च नहीं करेगा।
यह आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने दोपहर 12.15 बजे एक तरफ का रास्ता खोल दिया, लेकिन दूसरी तरफ का रास्ता बंद होने से पंचकूला से चंडीगढ़ जाने वाले लोगों की परेशानी कम नहीं हुई. उन्हें वैकल्पिक रास्तों का ही सहारा लेना पड़ा, जिससे जाम की स्थिति बनी रही। हालांकि देर रात दोनों मार्ग खुल जाने के बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई और लोगों ने राहत की सांस ली।
धरने पर ही लंगर बनने लगा।
सरपंचों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा था। धरने को समर्थन देने के लिए विभिन्न संगठन पहुंच रहे थे। पहले दो दिनों तक प्रदर्शनकारियों को खाने की समस्या का सामना करना पड़ा। पहले दिन जहां प्रदर्शनकारियों ने होटलों से खाना मंगवाया था, वहीं दूसरे दिन सेक्टर-5 में एक हलवाई ने खाना बनाया था. शनिवार से हाउसिंग बार्ड स्थित धरनास्थल पर ही सरपंचों का लंगर बनना शुरू हो गया। वहां चाय का भी इंतजाम किया गया था। शनिवार को पूर्व विधायक व आम आदमी पार्टी के नेता निर्मल सिंह भी धरने का समर्थन करने पहुंचे थे.
समर्थन देने पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष
प्रदेश के सरपंचों व पंचायत सदस्यों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया शनिवार को आवासन मंडल में समर्थन देने पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरपंचों को अपने अधिकारों के लिए मजबूती से लड़ना चाहिए। पूरे देश के सरपंच उनके आंदोलन के साथ हैं। इस आंदोलन में जब भी उनकी जरूरत होगी वह इसके लिए हमेशा तैयार रहेंगे.
टेंट हटाने में एक घंटा लग गया
करीब 500 पुलिसकर्मी सरपंचों को हिरासत में लेने के लिए हाउसिंग बोर्ड पहुंचे थे. रात 8.30 बजे जब सरपंचों के कब्जे में टेंट हटाना शुरू किया तो करीब एक घंटा लग गया। पुलिसकर्मियों ने सरपंचों के गद्दे और हुक्का उठाकर अलग रख दिया।
सड़क खुलवाने के लिए धरने पर बैठे सरपंचों व पंचायत सदस्यों को हिरासत में लेकर सड़क को पूरी तरह खोल दिया गया है. अब वाहन चालकों को आवागमन में कोई परेशानी नहीं होगी। – अर्शदीप, एसीपी, पंचकूला
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