हरियाणा सरकार पर हाईकोर्ट ने लगाया ₹50,000 का जुर्माना
खिलाड़ियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, नियमों के बावजूद नौकरी से वंचित करने पर जताई नाराज़गी।
हरियाणा सरकार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी न देने के मामले में सरकार पर ₹50,000 का जुर्माना लगा दिया। यह मामला उन खिलाड़ियों से जुड़ा है जिन्होंने हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 2018 के तहत सभी योग्यताएं पूरी की थीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हरियाणा सिविल सेवा (HCS) और हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) में नियुक्ति नहीं दी गई।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह दलील दी कि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में राज्य का नाम रोशन किया है और 2018 के नियमों के तहत वे सरकारी सेवा के पात्र हैं। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के चलते उन्हें नियुक्ति से वंचित कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा कि जब सरकार स्वयं नियम बनाती है तो उसे उन नियमों का पालन भी पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि नियमों को नजरअंदाज कर योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय करना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह खिलाड़ियों के मनोबल को भी ठेस पहुंचाता है।
अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की अनदेखी भविष्य में योग्य और मेहनती युवाओं को निराश कर सकती है। इसके साथ ही ₹50,000 का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया, जो याचिकाकर्ताओं को हर्जाने के रूप में दिया जाएगा।
यह फैसला उन हजारों खिलाड़ियों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो अपने खेल के बलबूते सरकारी सेवा में आने का सपना देखते हैं। कोर्ट के इस निर्णय ने साफ कर दिया है कि यदि कोई पात्रता रखता है और नियमों के अनुरूप आवेदन करता है, तो उसे उसका अधिकार जरूर मिलना चाहिए।
सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि वे जल्द ही इस पर कानूनी सलाह लेंगे। खिलाड़ियों और उनके समर्थकों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि अब न्याय मिलेगा।
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