हरियाणा में 2 नए जिले बनने की तैयारी शुरू: 9 साल बाद सरकार ने उठाया कदम
कैबिनेट सब-कमेटी का कार्यकाल बढ़ा, इस महीने हो सकती है अहम बैठक; जिलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में तेजी
हरियाणा सरकार ने राज्य के प्रशासनिक ढांचे को और अधिक सुदृढ़ और जनता के लिए सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। लगभग नौ साल बाद एक बार फिर से जिलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दो नए जिलों के गठन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। सरकार ने इस मुद्दे पर बनी कैबिनेट सब-कमेटी का कार्यकाल बढ़ा दिया है और इसी महीने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाए जाने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य के कुछ बड़े और जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए नए जिलों का गठन जरूरी हो गया है। इससे न केवल जनता को सरकारी सेवाएं पास में ही उपलब्ध होंगी, बल्कि विकास कार्यों की गति भी बढ़ेगी। यह भी माना जा रहा है कि राजनीतिक दृष्टि से भी यह फैसला कई क्षेत्रों में संतुलन स्थापित करने में सहायक हो सकता है।
कैबिनेट सब-कमेटी अब तक संभावित नए जिलों के लिए भौगोलिक, आर्थिक और जनसंख्या से संबंधित आंकड़े जुटा रही है। इसके आधार पर जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंपी जाएगी। यह रिपोर्ट जिलों के सीमांकन, तहसीलों और अन्य प्रशासनिक ढांचों के पुनर्गठन से संबंधित सिफारिशें भी शामिल करेगी।
2016 में भी इस तरह की चर्चा शुरू हुई थी लेकिन तब राजनीतिक व प्रशासनिक कारणों से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब जबकि हरियाणा सरकार दोबारा इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है, तो जनता को उम्मीद है कि लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी होंगी।
फिलहाल, जिन क्षेत्रों को नया जिला बनाए जाने की संभावना है, वहां के निवासियों में उत्साह है। वे मानते हैं कि इससे न केवल सरकारी कामों में सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय विकास को भी गति मिलेगी।
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