हरियाणा में राहुल का टास्क बड़ा मुश्किल
11 साल से अधूरा संगठन 25 दिन में तैयार करने की चुनौती
हरियाणा : कांग्रेस के सामने इस समय एक बड़ी और कठिन चुनौती खड़ी है। राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस को संगठनात्मक रूप से मजबूत बनाने का जो टास्क दिया है, उसे अब सिर्फ 25 दिन में पूरा करना है। यह वही संगठन है, जिसे पार्टी बीते 11 सालों में पूरी तरह से खड़ा नहीं कर पाई। अब अचानक मिले इस अल्प समय में पूरे प्रदेश में सक्रिय, जमीनी और प्रभावशाली संगठनात्मक ढांचा तैयार करने का लक्ष्य कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।
राहुल गांधी का यह टास्क सीधे आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। पार्टी का मानना है कि मजबूत संगठन के बिना चुनावी मुकाबले में भाजपा और अन्य दलों को चुनौती देना संभव नहीं होगा। इसी वजह से राहुल गांधी ने हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर जिले, ब्लॉक और बूथ स्तर तक संगठनात्मक संरचना को जल्द से जल्द सशक्त किया जाए।
हालांकि, पार्टी के भीतर इस टास्क को लेकर कई तरह की चर्चाएं और संदेह भी हैं। कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिन क्षेत्रों में अब तक संगठन की नींव ही मजबूत नहीं रखी जा सकी, वहां 25 दिन में सक्रिय नेटवर्क खड़ा करना बेहद कठिन काम है। वहीं दूसरी ओर, कुछ युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस टास्क को लेकर जोश भी देखने को मिल रहा है। उनका मानना है कि अगर पूरी टीम मिलकर ईमानदारी से काम करे तो यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने भी कार्यकर्ताओं को लगातार बैठकें कर प्रेरित करना शुरू कर दिया है। जिला स्तरीय बैठकों के साथ ही मंडल और बूथ स्तर पर नई नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या यह सब कुछ इतने कम समय में असरदार तरीके से हो पाएगा। अगर कांग्रेस इस चुनौती को पार कर जाती है तो यह आने वाले चुनावों में उसके लिए बड़ा संबल बनेगा। लेकिन यदि संगठन खड़ा करने में असफल रही तो इसका सीधा असर चुनावी प्रदर्शन पर पड़ेगा।
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