हरियाणा में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी
641 पद खाली, चीफ नर्सिंग अधिकारी के 33 पद भी वर्षों से अधूरे
हरियाणा : के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग सेवाओं की रीढ़ माने जाने वाले नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी सामने आई है। पूरे राज्य में 641 नर्सिंग पद खाली पड़े हैं, जिससे मौजूदा स्टाफ पर काम का अत्यधिक दबाव बढ़ गया है। यही नहीं, 33 चीफ नर्सिंग अधिकारी और कई असिस्टेंट नर्सिंग पदों पर भी लंबे समय से नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।
अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन स्टाफ की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी ही मजबूरी में अस्थायी रूप से चीफ और असिस्टेंट नर्सिंग का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। इससे जहां कार्य गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, वहीं मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा भी नहीं मिल पा रही।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक कई पद पिछले दो से तीन सालों से खाली हैं, लेकिन न तो भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है और न ही पदोन्नति की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया गया है। इसके चलते न केवल स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हैं, बल्कि नर्सिंग स्टाफ का मनोबल भी टूट रहा है।
स्थिति यह है कि एक नर्सिंग अधिकारी को एक साथ कई वार्डों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है, जिससे आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। पदोन्नति प्रक्रिया ठप होने के कारण कई योग्य कर्मचारियों को वर्षों से उसी पद पर काम करना पड़ रहा है, जिससे असंतोष और स्थानांतरण की मांगें भी तेजी से बढ़ रही हैं।
राज्य के कई नर्सिंग संगठनों ने सरकार से जल्द से जल्द खाली पदों को भरने और लंबित पदोन्नतियों को लागू करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गंभीर खतरे का संकेत है, बल्कि इससे मरीजों की जिंदगी भी जोखिम में पड़ सकती है। सरकार को तत्काल नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।