हरियाणा में नई कलेक्टर दरों में कितनी बढ़ोतरी संभव?
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हरियाणा में नई कलेक्टर दरों पर कितनी प्रतिशत बढ़ोतरी संभव है

अब नई दरों पर ही होंगी संपत्ति रजिस्ट्रियां, बढ़ोतरी से जमीन की कीमतों में आएगा बदलाव….

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हरियाणा में जमीन की कलेक्टर दरों में संशोधन को लेकर मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही राज्य में संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए अपॉइंटमेंट्स को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि नई कलेक्टर दरों पर ही अब सभी रजिस्ट्रियां की जाएंगी। बताया जा रहा है कि इन नई दरों में 25% तक की बढ़ोतरी संभव है।

जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार ने पिछले कई महीनों से कलेक्टर दरों की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर रखी थी। बढ़ते बाजार भावों को देखते हुए यह संशोधन जरूरी माना जा रहा था। नई दरें लागू होने के बाद जमीन की सरकारी कीमतों में सीधा असर दिखाई देगा।

राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की अपॉइंटमेंट्स रोक दी गई हैं। यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक नई कलेक्टर दरों को लेकर अधिसूचना जारी नहीं हो जाती। नई दरें लागू होने के बाद लोग केवल उन्हीं दरों पर अपनी संपत्तियों की रजिस्ट्री करा सकेंगे।

कलेक्टर दरों में बढ़ोतरी का असर सीधे तौर पर खरीदारों और विक्रेताओं दोनों पर पड़ेगा। जहां खरीदारों को ज्यादा रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी देनी होगी, वहीं विक्रेताओं को पूंजीगत लाभ कर में बढ़ोतरी झेलनी पड़ सकती है। हालांकि सरकार का कहना है कि नई दरें जमीन के सही मूल्य को ध्यान में रखते हुए तय की गई हैं।

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि कलेक्टर दरों में 25% तक की बढ़ोतरी से जमीनों के बाजार भाव पर भी असर पड़ेगा। खासतौर पर शहरी और विकसित क्षेत्रों में संपत्तियों की कीमतें और बढ़ सकती हैं।

सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नई दरें तय होने के बाद तुरंत लागू करें और आम लोगों को जागरूक करें।

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