हरियाणा में डीएपी का संकट आपूर्ति घटने से किसानों में चिंता
हिसार/हरियाणा: हरियाणा में डीएपी (डायअमोनियम फॉस्फेट) खाद की कमी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। गेहूं बुवाई के इस महत्वपूर्ण सीजन में खाद की मांग दोगुनी हो चुकी है, लेकिन केंद्र से आवंटित आपूर्ति आधी से भी कम मिल रही है। नवंबर में केंद्र ने हरियाणा को 1.10 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद आवंटित की है, जिसमें से पहले सप्ताह में 41,600 मीट्रिक टन, दूसरे सप्ताह में 40,000 मीट्रिक टन और तीसरे सप्ताह में 24,000 मीट्रिक टन भेजने की योजना है। फिर भी, राज्य में खाद की कमी को लेकर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। आइए समझते हैं इस संकट के मुख्य कारण:
मांग के अनुसार डीएपी की आपूर्ति नहीं:
राज्य के सभी 22 जिलों में डीएपी खाद की भारी मांग है, लेकिन सप्लाई जरूरत से आधी हो रही है। किसी भी जिले में किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही, जिससे बुवाई कार्य में रुकावट आ रही है। अगर जल्द ही आपूर्ति नहीं बढ़ाई गई, तो गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है।
सप्लाई में अंतर से खेती पर असर:
केंद्र से निर्धारित डीएपी की मात्रा से खेती की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। गेहूं की बुवाई का समय होने के कारण किसान डीएपी के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं, लेकिन मांग पूरी न होने से किसानों को आर्थिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्र से अधिक आपूर्ति की आवश्यकता
यदि हरियाणा को अतिरिक्त डीएपी की सप्लाई नहीं मिली, तो यह संकट और गहराता जाएगा। केंद्र से आवंटित 1.10 लाख मीट्रिक टन खाद की मात्रा किसानों की मांग के अनुसार पूरी नहीं हो पा रही, जिससे आने वाले समय में प्रदेश में खेती के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
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