हरियाणा में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर विवाद गहराया
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हरियाणा में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर विवाद

विधायकों और मंत्रियों ने जताई नाराजगी, सीएम पर फाइलें लटकाने का आरोप…..

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हरियाणा में एक बार फिर ट्रांसफर और पोस्टिंग का मुद्दा गर्मा गया है। विधायक दल की हाल ही में हुई बैठक में कई विधायकों और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से खुलकर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है कि उनके द्वारा भेजी गई ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी फाइलें महीनों से लंबित हैं और बिना किसी कारण के घूमती रह जाती हैं। एक मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि “हमारी फाइलें जलेबी की तरह गोल-गोल घूम रही हैं, पर मंजूरी नहीं मिल रही।”

विधानसभा क्षेत्र में जनता से किए वादों को पूरा करने और प्रभावी प्रशासनिक नियंत्रण के लिए विधायकों और मंत्रियों को अधिकारियों की तैनाती में अहम भूमिका दी जाती है। लेकिन वर्तमान में जो हालात हैं, उनसे वे स्वयं को नजरअंदाज महसूस कर रहे हैं। यह असंतोष अब खुलकर सामने आने लगा है।

बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान कुछ विधायकों ने कहा कि वे महीनों से अधिकारियों के तबादलों की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। वहीं, कुछ मंत्रियों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं और जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

इस नाराजगी को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी नेताओं को धैर्य रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अधिकारियों की तैनाती में संतुलन बनाकर चल रही है और सभी विधायकों के सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है।

हालांकि नेताओं का यह भी कहना था कि जब चुनावी समय नज़दीक है, तब प्रशासनिक ढांचे में बदलाव और प्रभावी अधिकारियों की तैनाती बेहद जरूरी हो जाती है। यदि जनप्रतिनिधियों की बातों को नजरअंदाज किया गया, तो यह जमीनी स्तर पर सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नाराजगी सिर्फ ट्रांसफर-पोस्टिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पार्टी के अंदरूनी असंतुलन और संवाद की कमी का संकेत भी दे रही है। अगर यह मुद्दा सुलझाया नहीं गया तो आगामी विधानसभा चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।

सरकार की ओर से इस पूरे प्रकरण पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इस मसले को प्राथमिकता में लेने का आश्वासन दिया है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में नेताओं की नाराजगी शांत होती है या मामला और अधिक गहराता है।

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