हरियाणा में कानून सख्त गिरते लिंगानुपात पर लगेगा लगाम..
बिना वारंट होगी गिरफ्तारी, लिंग परीक्षण पर तीन साल की सजा का प्रावधान….
हरियाणा : सरकार ने गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए कानून को और सख्त बनाने का निर्णय लिया है। सरकार अब ऐसे मामलों में बिना वारंट गिरफ्तारी की अनुमति देने जा रही है और दोषियों को तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि प्रदेश में अब भी कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयां जारी हैं, जिससे लिंगानुपात पर बुरा असर पड़ रहा है।
सरकार की योजना है कि लिंग परीक्षण से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष जांच इकाई गठित की जाए जो खुफिया तरीके से काम करेगी और ऐसे अल्ट्रासाउंड केंद्रों व क्लीनिकों पर नजर रखेगी जो अवैध रूप से लिंग जांच कर रहे हैं। इसके अलावा दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकेगा ताकि ऐसे मामलों में देरी या सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके।
राज्य सरकार का यह फैसला “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मजबूती देने की दिशा में एक और मजबूत प्रयास माना जा रहा है। हाल के वर्षों में सरकार ने कई जिलों में जागरूकता अभियान चलाए लेकिन कुछ क्षेत्रों में अब भी लिंगानुपात की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
कानून में संशोधन के बाद अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर कोई डॉक्टर या क्लीनिक भ्रूण के लिंग की जानकारी देता है या ऐसा प्रयास करता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। तीन साल की सजा के साथ-साथ आर्थिक जुर्माना और लाइसेंस रद्द किए जाने जैसी कार्रवाई भी की जा सकती है।
राज्य सरकार इस कानून को जल्द विधानसभा में पेश कर सकती है। इस नए नियम से उम्मीद की जा रही है कि समाज में भ्रूण हत्या को लेकर डर और जागरूकता दोनों बढ़ेगा और आने वाले समय में लिंगानुपात में सुधार देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर भ्रूण हत्या के मामलों को बर्दाश्त न किया जाए।
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