हरियाणा : में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर गेहूं बेचने का आज अंतिम दिन है। एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीद प्रक्रिया आज समाप्त हो रही है। किसानों के पास आज आखिरी मौका है कि वे अपनी उपज को सरकारी मंडियों में बेच सकें और एमएसपी का लाभ उठा सकें।
इस बार प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद को लेकर व्यापक इंतजाम किए थे। राज्य की विभिन्न मंडियों में खरीद प्रक्रिया सुचारु रूप से चली। अनुमान लगाया गया था कि इस बार मंडियों में करीब 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक होगी जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
राज्य सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए कई जिलों में अतिरिक्त खरीद केंद्र भी स्थापित किए थे। किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद एसएमएस के माध्यम से समय पर सूचना भेजी गई, जिससे उनकी फसल समय से खरीदी जा सके।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब तक अधिकांश गेहूं की आवक पूरी हो चुकी है और किसान अपनी फसल को लेकर संतुष्ट नजर आए। हालांकि कुछ किसानों ने मंडियों में बारदाना और तौल व्यवस्था को लेकर शिकायतें भी की थीं, जिन्हें संबंधित विभागों ने त्वरित रूप से हल किया।
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने बताया कि इस बार की खरीद प्रक्रिया काफी पारदर्शी रही और सभी जिलों से अच्छी रिपोर्ट मिली है। उन्होंने किसानों से अपील की कि जिनका गेहूं अब तक नहीं बिका है, वे आज ही मंडियों में जाकर बिक्री प्रक्रिया पूरी कर लें।
वहीं मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना जताई गई है, ऐसे में सरकार चाहती है कि किसानों की उपज समय रहते खरीदी जाए जिससे उन्हें कोई नुकसान न हो।
आज खरीद की अंतिम तारीख होने के चलते मंडियों में भीड़ बढ़ने की संभावना है, ऐसे में प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है ताकि किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो और प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी की जा सके।
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