हरियाणा में आयुष्मान योजना पर संकट गहराया
निजी अस्पतालों ने इलाज रोका, बजट कमी पर IMA का आरोप
हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मिलने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। राज्य के लगभग 650 से 700 निजी अस्पताल, जो इस योजना से जुड़े हुए हैं और करीब 90% मरीजों को इलाज उपलब्ध कराते हैं, ने इलाज रोकने का फैसला लिया है। इसका सीधा असर हजारों मरीजों पर पड़ रहा है, जो अब अपनी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आरोप लगाया है कि यह स्थिति सरकार की बजट की कमी और बकाया भुगतान में देरी के कारण उत्पन्न हुई है। IMA के मुताबिक, मार्च 2025 से अब तक निजी अस्पतालों को केवल 10-15% बकाया राशि का ही भुगतान किया गया है, जिससे अस्पतालों की आर्थिक हालत बिगड़ गई है। अस्पतालों का कहना है कि लगातार घाटे में काम करना उनके लिए संभव नहीं रह गया है।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज में लगने वाली दवाएं, उपकरण और स्टाफ की सैलरी का खर्च लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सरकार से मिलने वाला भुगतान समय पर नहीं आ रहा है। इससे अस्पतालों के सामने सेवाएं बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
IMA हरियाणा के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन ठोस समाधान नहीं निकला। उनका कहना है कि यह केवल अस्पतालों का संकट नहीं है, बल्कि गरीब मरीजों की जिंदगी से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।
इस फैसले के बाद, राज्यभर में आयुष्मान योजना के लाभार्थी मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कई मरीजों को अचानक इलाज रुकने की वजह से दूसरे अस्पतालों का रुख करना पड़ा, जहां उन्हें भारी भरकम खर्च उठाना पड़ रहा है। कुछ मरीज तो इलाज के खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं हैं, जिससे उनकी जान पर बन आई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ, तो हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ेगा। IMA ने चेतावनी दी है कि जब तक बकाया भुगतान और बजट आवंटन की समस्या हल नहीं होती, तब तक निजी अस्पताल सेवाएं फिर से शुरू नहीं करेंगे।
राजनीतिक हलकों में भी यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर नहीं है और गरीबों को उनके अधिकार से वंचित कर रही है। वहीं, सरकार की ओर से कहा गया है कि भुगतान प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश की जा रही है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना देश की सबसे महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है, जिसका मकसद गरीबों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया कराना है। लेकिन हरियाणा में मौजूदा हालात ने इस योजना की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और अस्पतालों के बीच यह विवाद कितनी जल्दी सुलझता है और मरीजों को फिर से राहत मिलती है।