हरियाणा और पंजाब-चंडीगढ़ में 15 मिनट का ब्लैकआउट, मॉक ड्रिल के दौरान अलर्ट दिखा सिस्टम
सायरन बजते ही 30 सेकंड में एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, शाम को चला सुरक्षा अभ्यास
चंडीगढ़ : हरियाणा और पंजाब में शनिवार शाम को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉक ड्रिल के तहत एक विशेष ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। इस दौरान पूरे क्षेत्र में 15 मिनट तक बिजली की आपूर्ति को रोका गया और आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखा गया। शाम होते ही जैसे ही सायरन बजा, प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन टीमों ने मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारियां संभाल लीं सायरन बजते ही महज 30 सेकेंड में एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां निर्धारित स्थानों पर पहुंच गईं। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य संभावित आपात स्थितियों — जैसे युद्ध, आतंकी हमले या बड़े प्राकृतिक आपदाओं — के दौरान प्रशासनिक प्रतिक्रिया और समन्वय का आकलन करना था।
चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा के सभी प्रमुख शहरों और जिलों में एक साथ यह अभ्यास किया गया। प्रशासन ने पहले से ही लोगों को सूचित कर दिया था कि यह एक पूर्व नियोजित अभ्यास है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। फिर भी ब्लैकआउट के दौरान कुछ क्षेत्रों में लोगों में हलचल और उत्सुकता देखने को मिली।
अधिकारियों ने बताया कि मॉक ड्रिल सफल रही और सभी विभागों ने समय पर अपनी भूमिका निभाई। इससे यह स्पष्ट होता है कि किसी भी आपात स्थिति में राज्य सरकारें और प्रशासनिक तंत्र तत्परता से कार्य करने के लिए तैयार हैं।
इस अभ्यास के जरिए यह भी देखा गया कि मेडिकल सुविधाएं, ट्रैफिक नियंत्रण, और अग्निशमन सेवाएं एक सीमित समय में कितनी तेजी से प्रतिक्रिया दे सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह अभ्यास न सिर्फ प्रशासन के लिए उपयोगी रहा बल्कि आम नागरिकों को भी आपातकालीन स्थितियों में सतर्क और जागरूक रहने का संकेत देता है। प्रशासन ने मॉक ड्रिल के बाद सभी संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक भी आयोजित की, जिसमें ड्रिल की सफलता और सुधार की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
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