स्कूल में झगड़ा: बाहरी युवक ने छात्र पर हमला
चंडीगढ़ में 12वीं के छात्र का सिर फोड़ने के मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप, 7 दिन बाद आरोपी हिरासत में
चंडीगढ़ के एक स्कूल में हुई मारपीट की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल छात्रों और अभिभावकों को चिंतित किया है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला सेक्टर-39 थाना क्षेत्र का है, जहां एक 12वीं कक्षा के छात्र पर स्कूल परिसर के बाहर से आए युवकों ने अचानक हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि हमलावरों में से एक ने छात्र के सिर पर कड़ा मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
यह घटना बीते सप्ताह घटी थी, लेकिन पीड़ित छात्र और उसके परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों ने बताया कि जब वे शिकायत दर्ज कराने के लिए थाना पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें बार-बार आने को कहा और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि यदि पुलिस पहले ही सख्त कदम उठाती, तो बाकी हमलावर अब तक पकड़े जा सकते थे।
पीड़ित छात्र अब भी मानसिक और शारीरिक रूप से इस हमले के आघात से जूझ रहा है। उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। परिवार ने पुलिस प्रशासन से न्याय की मांग की है और आरोप लगाया है कि थाना बार-बार उन्हें टाल रहा है। पीड़ित की मां ने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई में अच्छा था और अब वह डरा हुआ है। उसे स्कूल जाने में डर लग रहा है, क्योंकि हमलावरों में से कुछ अब भी खुले घूम रहे हैं।
इस घटना के सात दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने आखिरकार एक युवक को हिरासत में लिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतना समय क्यों लगा और बाकी हमलावरों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मामले की जांच जारी है और सभी आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।
स्थानीय लोगों और स्कूल के अन्य अभिभावकों में भी इस घटना को लेकर रोष है। उन्होंने कहा कि स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी अब भरोसा उठता जा रहा है। इस तरह की घटनाएं बच्चों के मानसिक विकास पर नकारात्मक असर डालती हैं और उन्हें डर का माहौल देती हैं।
फिलहाल, परिवार और समाज की निगाहें पुलिस पर हैं कि क्या वे इस मामले में पीड़ित को न्याय दिला पाएंगे। सवाल केवल एक छात्र की चोट का नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही का है। यदि ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई न हो, तो यह असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद करने जैसा होगा।
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