सुखबीर बादल दोबारा हुए तनखइया घोषित
तख्त श्री पटना साहिब के आदेश की अनदेखी पर बड़ा फैसला
चण्डीगढ़-पंजाब : शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को एक बार फिर तख्त श्री पटना साहिब ने तनखइया घोषित कर दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब उन्हें दो बार धार्मिक मामले में तलब किया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। तख्त के इस सख्त फैसले ने पंजाब की सियासत और धार्मिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
दरअसल, एक धार्मिक मुद्दे को लेकर तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को सफाई देने के लिए बुलाया था। उन्हें दो अवसर दिए गए, लेकिन दोनों ही बार वह उपस्थित नहीं हुए। तख्त की मर्यादा और आदेशों का सम्मान न करने को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया गया कि उन्हें तनखइया घोषित किया जाए।
तनखइया घोषित होना सिख पंथ में एक बड़ी धार्मिक सजा मानी जाती है। इसका मतलब होता है कि व्यक्ति ने तख्त के आदेश की अवहेलना की है और उसे समाजिक-धार्मिक दायरे से बाहर कर दिया जाता है जब तक वह प्रायश्चित न करे और माफी न मांगे।
तख्त के वरिष्ठ ग्रंथि और प्रबंधक कमेटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि धार्मिक मर्यादाओं के खिलाफ कोई भी व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा। अब सुखबीर बादल को या तो पेश होकर सफाई देनी होगी या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी, तभी वह फिर से पंथिक मर्यादा में लौट सकेंगे।
उधर, अकाली दल की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी के भीतर भी इस घटनाक्रम को लेकर खामोशी छाई हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पार्टी की धार्मिक विश्वसनीयता को नुकसान हो सकता है, खासकर ग्रामीण और पारंपरिक वोट बैंक में। यह पहला मौका नहीं है जब सुखबीर बादल को तख्त द्वारा तलब किया गया हो। इससे पहले भी विभिन्न मुद्दों पर धार्मिक संस्थाओं के साथ उनके मतभेद सामने आते रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सुखबीर इस बार क्या रुख अपनाते हैं।