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सीमा पर आग से जले खेत, किसान बेबस

पाकिस्तान से आई आग ने सैकड़ों एकड़ नाड़ जलाया, बीएसएफ ने नहीं खोले फेंसिंग गेट….

पंजाब : के फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा के समीप बसे गांवों के किसानों को एक बार फिर सीमा पार से आई आग की कीमत चुकानी पड़ी है। पाकिस्तान की ओर से लगी आग ने सीमा के उस पार स्थित भारतीय खेतों में खड़ी डेढ़ सौ एकड़ से अधिक नाड़ को राख में बदल दिया। आग की भयावहता ऐसी थी कि किसानों के पास उसे रोकने का कोई रास्ता नहीं बचा। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा फेंसिंग पर लगे गेट बंद कर दिए गए हैं और सुरक्षा कारणों से खोले नहीं जा रहे हैं, जिससे किसान अपने ही खेतों की ओर नहीं जा सके और बेबस होकर सिर्फ खेत जलते हुए देखते रहे।

बताया जा रहा है कि यह स्थिति हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पैदा हुई है। बीएसएफ ने सीमा सुरक्षा के मद्देनजर सभी गेट बंद कर दिए हैं और किसानों को खेतों तक जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इससे किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं, क्योंकि उनकी मेहनत और खेतों में बचा हुआ कटा हुआ नाड़ जलकर नष्ट हो चुका है। किसानों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन और बीएसएफ से बार-बार गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिल सकी।

किसानों की शिकायत है कि हर साल सीमा पार से आग आती है और उनके खेतों को नुकसान होता है, लेकिन इस बार उन्हें अपने खेत बचाने का मौका तक नहीं मिला। गांव वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि न तो दमकल की गाड़ियां पहुंच सकीं और न ही किसी ने उनकी पीड़ा को गंभीरता से लिया। प्रशासन की चुप्पी और बीएसएफ की मजबूरी के बीच किसान आज खुद को पूरी तरह लाचार महसूस कर रहे हैं।

किसानों ने सरकार से मांग की है कि इस नुकसान की भरपाई की जाए और ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे वे समय पर अपने खेतों में पहुंच सकें। साथ ही सीमा पर ऐसी स्थायी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए जिससे खेती-किसानी प्रभावित न हो और दोनों पक्षों की जिम्मेदारियां स्पष्ट हों। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि सीमा पर रहने वाले किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है — एक तरफ सुरक्षा की चिंता, दूसरी तरफ अपने खेतों को बचाने की जद्दोजहद।

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