सीड संशोधन बिल पर डीलरों का विरोध तेज
नकली बीज बिक्री पर सख्ती के विरोध में एग्रो डीलरों ने सरकार से जताई नाराजगी, कृषि मंत्री से की मुलाकात….
पंजाब में हाल ही में सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक-2025 को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए जाने वाले इस संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य नकली बीजों की बिक्री पर रोक लगाना है। सरकार ने यह कदम कृषि क्षेत्र में किसानों को नुकसान से बचाने और नकली बीजों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए उठाया है। बिल के तहत नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में लाया गया है, जिससे दोषियों को जेल की सजा और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
हालांकि सरकार के इस फैसले से राज्यभर के एग्रो इनपुट डीलरों में नाराजगी फैल गई है। डीलरों का कहना है कि वे नकली बीजों की बिक्री का समर्थन नहीं करते, लेकिन इस बिल के तहत उनके खिलाफ बिना पर्याप्त जांच के कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। डीलरों ने तर्क दिया कि कुछ तकनीकी कारणों से बीजों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जो हमेशा जानबूझकर नहीं होता।
इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को राज्य के सैकड़ों एग्रो इनपुट डीलरों ने एकजुट होकर पंजाब के कृषि मंत्री से मुलाकात की। डीलरों ने मंत्री के सामने अपनी चिंताएं और आपत्तियाँ रखीं। उनका कहना था कि अगर यह बिल मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया तो सैकड़ों छोटे और मध्यम डीलरों का व्यवसाय संकट में आ सकता है। उन्होंने यह भी मांग रखी कि सरकार एक संतुलित नीति बनाए जिसमें दोषी को सजा मिले, लेकिन निर्दोष व्यापारियों को फंसाया न जाए।
बैठक के दौरान मंत्री ने डीलरों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेगी और जरूरी बदलावों पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना है, न कि व्यापारियों को परेशान करना। मंत्री ने सुझाव दिया कि डीलर प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक संयुक्त समिति बनाई जा सकती है, जो बिल के प्रावधानों की समीक्षा कर सके।
सीड संशोधन बिल को लेकर अब पंजाब में एक नई बहस छिड़ गई है, जहां एक ओर किसान संगठन सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डीलर वर्ग इसे कठोर बता रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस प्रकार इस संतुलन को साधती है।