सभापति के नाम पर घूस लेते व्यक्ति रंगे हाथों गिरफ्तार
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सभापति के नाम पर घूस लेते धरा गया

राजस्थान एसीबी ने पकड़ा जूनियर असिस्टेंट, पट्टा जारी करने के एवज में मांगी थी रिश्वत…..

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झालावाड़ राजस्थान में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस बार एसीबी ने एक जूनियर असिस्टेंट को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, जिस पर नगर परिषद के सभापति के नाम पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है। बताया जा रहा है कि यह रिश्वत एक पट्टा जारी करवाने के लिए मांगी गई थी।

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने एसीबी को सूचना दी थी कि वह नगर परिषद से एक पट्टा (भूमि दस्तावेज) बनवाने के लिए आवेदन कर चुका है। लेकिन नगर परिषद के कुछ कर्मचारियों की ओर से उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि सभापति की ओर से एक कर्मचारी घूस की मांग कर रहा है। एसीबी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई करते हुए योजना के तहत रिश्वत लेते हुए जूनियर असिस्टेंट को रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने खुद को सभापति का करीबी बताकर शिकायतकर्ता से पैसे की मांग की थी। उसने कहा था कि बिना पैसे दिए पट्टा जारी नहीं होगा। शिकायतकर्ता को इस पूरे घटनाक्रम पर संदेह हुआ और उसने तुरंत एसीबी से संपर्क किया।

इसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने पूरी योजना के साथ जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी ने शिकायतकर्ता से घूस की राशि स्वीकार की, टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से घूस की रकम भी बरामद कर ली गई है। एसीबी ने बताया कि अब आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने यह रिश्वत सभापति के कहने पर ली थी या खुद ही उसका नाम लेकर फंसाने का प्रयास कर रहा था। साथ ही, नगर परिषद में भ्रष्टाचार के इस नेटवर्क की जांच भी शुरू कर दी गई है।

इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। आम लोग नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार से पहले ही परेशान थे, और अब एसीबी की इस कार्रवाई से उन्हें उम्मीद की किरण नजर आई है।

राज्य सरकार ने पहले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया हुआ है और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाए। इस मामले में एसीबी की तत्परता और प्रभावी कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अब कोई भी सरकारी कर्मचारी कानून से ऊपर नहीं है।

यह भी देखा जा रहा है कि क्या सभापति इस मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं या नहीं। अगर जांच में उनका नाम आता है, तो जल्द ही उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। लोगों ने एसीबी की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इस तरह के कदमों से सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

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