सन ऑफ सरदार 2: रवि किशन छाए भारी
अजय देवगन की कॉमेडी फिल्म में बिहारी अंदाज़ ने मारी बाज़ी, बाकी सब फीके…..
मुंबई अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ आखिरकार 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई। यह फिल्म 2012 में आई ‘सन ऑफ सरदार’ की सीक्वल कही जा रही है, लेकिन असल में इसका पिछली फिल्म से कोई नाता नहीं है। फिल्म को देखकर यह बात एकदम साफ हो जाती है कि इसे सिर्फ ब्रांड नेम के दम पर चलाने की कोशिश की गई है, जबकि कंटेंट के नाम पर कुछ खास नहीं है।
कहानी की शुरुआत होती है पंजाब से, जहां जस्सी (अजय देवगन) अपनी मां के साथ रह रहा होता है और वीज़ा लगने का इंतजार कर रहा है, ताकि वह अपनी पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) से लंदन में मिल सके। वीज़ा लगते ही जस्सी लंदन पहुंचता है, लेकिन पत्नी उसे तलाक और प्रॉपर्टी में हिस्सा देने की बात कह देती है। वहीं, दूसरी तरफ मृणाल ठाकुर, दीपक डोबरियाल, कुब्रा सैत, चंकी पांडे जैसे किरदार लंदन की हलचल में अपनी-अपनी भूमिकाओं में मौजूद हैं। कहानी इन सभी किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है और यहीं पर एंट्री होती है रवि किशन की – जिनका अभिनय वाकई में पूरी फिल्म पर भारी पड़ता है।
रवि किशन ने अपने किरदार में जो एनर्जी और हास्य का पुट डाला है, वह दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। अजय देवगन जहां अपने पुराने अंदाज़ में ही नजर आते हैं, वहीं रवि किशन का बिहारी अंदाज पंजाबी किरदार को एक अलग ही रंग दे जाता है। मृणाल ठाकुर की शुरुआत थोड़ी असहज थी, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को कंट्रोल किया और अपनी भूमिका को निभाया। दीपक डोबरियाल और संजय मिश्रा जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों को जिस तरह बेकार के किरदारों में झोंक दिया गया, वो फिल्म की सबसे बड़ी कमी बन जाती है।
निर्देशन विजय कुमार अरोड़ा का है, जिन्होंने पंजाबी सिनेमा में नाम कमाया है। लेकिन इस हिंदी फिल्म में वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। फिल्म के कई हिस्से जबरदस्ती ठूंसे हुए लगते हैं और स्क्रीनप्ले बेहद कमजोर है। क्लाइमैक्स में जाकर फिल्म यह तय ही नहीं कर पाती कि वह सेंसलेस कॉमेडी है या कोई सामाजिक संदेश देना चाहती है। फिल्म का संगीत भी बेहद औसत है। गानों ने कहानी की गति को और धीमा कर दिया है। सिर्फ टाइटल सॉन्ग ही थोड़ा असरदार लगता है, जो पुरानी फिल्म से लिया गया है।
अगर आप एक ऐसे दर्शक हैं जो दिमाग घर पर छोड़कर सिर्फ मनोरंजन के लिए फिल्म देखना पसंद करते हैं, तो ‘सन ऑफ सरदार 2’ आपके लिए ठीक-ठाक हो सकती है। खासकर रवि किशन के फैंस के लिए यह फिल्म एक ट्रीट है। लेकिन अगर आप एक ठोस कहानी, बेहतर निर्देशन और कसी हुई पटकथा की उम्मीद लेकर आए हैं, तो निराशा हाथ लग सकती है। फिल्म में एक सरप्राइज कैमियो भी है, इसलिए क्रेडिट सीन तक थिएटर में रुकना न भूलें।