संसद में मोदी बोले – महाकुंभ से निकला एकता का अमृत, भारत की विराट छवि दुनिया ने देखी
पीएम मोदी ने संसद में महाकुंभ की सफलता का किया उल्लेख, इसे राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया…..
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस आयोजन से अनेक अमृत निकले हैं और उनमें सबसे महत्वपूर्ण एकता का अमृत है। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का पवित्र प्रसाद बताया। मोदी ने कहा कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की एकता, समरसता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा और सराहा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महाकुंभ की भव्यता और उसके वैश्विक प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति की दिव्यता और भव्यता का जीवंत प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आए और भारत की अध्यात्मिक शक्ति तथा संस्कृति के अद्भुत स्वरूप के दर्शन किए।
पीएम मोदी ने कहा कि इस महाकुंभ में भारत की विराटता को नए रूप में प्रस्तुत किया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आयोजन केवल आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को जोड़ने वाला अवसर भी है। उन्होंने महाकुंभ को आध्यात्मिकता, विज्ञान, संस्कृति और परंपराओं का समागम बताया, जिसमें भारत की समृद्ध परंपराओं की झलक देखने को मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की जीवंतता और सामूहिक शक्ति को दर्शाने वाला एक अवसर है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने पूरी दुनिया को भारत की शक्ति और उसकी अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया।
मोदी ने इस अवसर पर सरकार द्वारा महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस आयोजन की भव्यता को बनाए रखने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत रहेगा और भारत की सांस्कृतिक एकता को और मजबूत करेगा।
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