संविधान सपोर्ट ग्रुप ने किया ‘एक देश-एक चुनाव’ समर्थन
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संविधान सपोर्ट ग्रुप का ‘एक-देश-एक-चुनाव’ समर्थन

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता युवाओं ने चंडीगढ़ में राष्ट्रपति को समर्थन पत्र सौंपा….

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चंडीगढ़ में आज एक प्रेरणादायक दृश्य रहा जब संविधान सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों और राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता युवाओं ने एक-देश-एक-चुनाव अभियान के तीसरे चरण में राष्ट्रपति को एक समर्पित समर्थन पत्र सौंपा। इस आयोजन ने लोकतांत्रिक सुधारों के प्रति एक ऊर्जावान और आशावादी संदेश दिया। चंडीगढ़ की मंचभूमि पर युवा और सक्रिय नागरिक एकजुट होकर यह स्पष्ट कर रहे थे कि लोकतंत्र की मजबूती और संसाधनों की बचत के लिए यह पहल समय की मांग है।

इस समर्थन पत्र में युवाओं ने प्रधानमंत्री की दूरदर्शितात्मक सोच की सराहना करते हुए संविधान संशोधन के प्रयासों को हृदय से अंगीकार किया। उन्होंने बताया कि बार-बार चुनाव से प्रशासनिक बोझ बढ़ता है और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। युवा वर्ग ने बताया कि एक साथ चुनाव आयोजित करने से सरकारी मशीनरी को विकास कार्यों के लिए पूरी ताकत से लगने का अवसर मिलता है, और चुनावी खर्च में भारी कटौती संभव होती है। उन्होंने संवैधानिक बदलावों के साथ-साथ राजनीतिक सबलता और लोकतांत्रिक स्थिरता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस दौरान कई पुरस्कार विजेता युवाओं ने मानवता और लोकतंत्र की भावना भरी अपनी आवाज़ को सजगता से रखा। उनकी भावनाएँ स्पष्ट थीं कि यह केवल राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्थिरता और विकास की नींव है। उन्होंने साझा किया कि वे अपने साथियों और समुदायों में इस अभियान का उत्साह फैलाने के लिए तैयार हैं। इस अभियान की मानवीय दृष्टि ने लोकतांत्रिक चेतना को नए आयाम दिए।

कार्यक्रम में संविधान सपोर्ट ग्रुप के नेताओं ने उत्साहपूर्ण शब्दों में बताया कि यह तीसरा चरण वास्तविक जन-भागीदारी का गवाह है, और इस पहल को देश की जरूरत मानते हुए संस्था इसे जन-आवाज़ में बदलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह समर्थन राष्ट्रपति तक पहुंचाना लोकतंत्र में युवाओं की सक्रिय भागीदारी का प्रतीक है। युवा पीढ़ी का यह कदम बताता है कि वे केवल वोटर नहीं, बल्कि लोकतंत्र के जागरूक संरक्षक बनना चाहते हैं।

समारोह के अंत में उपस्थित युवाओं ने भविष्य के लिए आशा जताई कि यह पहल संकल्प में बदलकर संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से हकीकत बने। उन्होंने यह भी कहा कि जब युवा इस तरह अपने वोट और विचारों को सक्रिय रूप से प्रस्तुत करते हैं, तो लोकतंत्र सशक्त होता है। उन्होंने अपनत्व की भावना से यह सम्मिलन जन-आन्दोलन जैसा रोमांचपूर्ण बना दिया।

इस तरह चंडीगढ़ में हुए इस समर्पण ने यह साबित कर दिया कि बदलाव में युवा शक्ति है और लोकतंत्र में उनकी आवाज़ निर्णायक है। इस समर्थन अभियान ने लोकतंत्र की दिशा में एक सकारात्मक और मानवीकृत दृष्टिकोण स्थापित किया जिससे राष्ट्र की उम्मीदें और लोकतांत्रिक विश्वास दोनों और मजबूत हुए।

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