शुक्र प्रदोष व्रत आज, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त..
विशेष तिथि पर भगवान शिव की अराधना का महत्व…
शुक्र प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव और Goddess पार्वती की पूजा के लिए किया जाता है। इस दिन भक्तजन विशेष रूप से भगवान शिव का ध्यान करते हैं और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है जो अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहते हैं या संतान सुख की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं।
इस व्रत के दौरान भक्तजन दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। पूजा के समय भक्तों को शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए और साफ वस्त्र पहनकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। व्रता की पूजा विधि में सबसे पहले घर के मुख्य पूजा स्थल को साफ करके वहां दीपक जलाना होता है। इसके बाद पूजा में बेलपत्र, धतूरा, गुलाब का फूल, चंदन, अर्पण करने की सामग्री तैयार की जाती है।
भक्तजनों को शाम के समय, जब प्रदोष काल आता है, तब भगवान शिव की आरती करनी चाहिए। इस दिन व्रति के लिए विशेष रूप से सुबह स्नान करके व्रत की शुरुआत की जाती है और भगवान शिव व माता पार्वती के समक्ष दीप जलाकर उनका ध्यान किया जाता है।
इस वर्ष शुक्र प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 22 फरवरी 2024 को ये व्रत मनाया जाएगा। व्रति को इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जप करना चाहिए और विशेष रूप से रुद्राभिषेक का आयोजन करना चाहिए। प्रदोष काल का मुहूर्त अपराह्न 5:55 बजे से 6:45 बजे तक रहेगा। लोगों को इस समय में विशेष ध्यान देकर पूजा करनी चाहिए, क्योंकि यह समय भगवान शिव की कृपा को आकर्षित करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
ध्यान रहे कि इस प्रकार के व्रत का उद्देश्य सच्ची श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करना है। भक्तों को यह चाहिए कि वे पूरे श्रद्धा भाव से इस व्रत को करें ताकि उन्हें मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त हो। जिन भक्तों ने इस व्रत को संकल्प के साथ किया, उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
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