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शिमला में स्कूली बच्चों की किडनैपिंग खुलासा

कर्ज में डूबे आरोपी ने लिफ्ट देकर बच्चों को फंसाया, बंदूक से डराया….

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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्कूली बच्चों के अपहरण की सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी भारी कर्ज में डूबा हुआ था और पैसों की सख्त जरूरत के चलते उसने यह खतरनाक योजना बनाई। आरोपी ने स्कूल से घर लौट रहे बच्चों को अपनी गाड़ी में लिफ्ट देने का लालच दिया और फिर उन्हें किडनैप कर लिया।

जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने पहले से ही बच्चों को फंसाने का पूरा प्लान तैयार कर रखा था। वह स्कूल के पास गाड़ी लेकर खड़ा हुआ था और बच्चों को भरोसे में लेने के लिए खुद को उनके परिचित का दोस्त बताने लगा। जैसे ही बच्चे गाड़ी में बैठे, उसने रास्ता बदल दिया और सुनसान इलाके की तरफ बढ़ने लगा। इस दौरान जब बच्चों को शक हुआ और उन्होंने उतरने की कोशिश की, तो आरोपी ने बंदूक निकालकर उन्हें डराया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी का इरादा बच्चों के परिवार से फिरौती मांगने का था। वह उन्हें किसी सुरक्षित ठिकाने पर ले जाकर फोन के जरिए फिरौती की मांग करना चाहता था। लेकिन बच्चों की सूझबूझ और स्थानीय लोगों की सतर्कता से उसकी योजना विफल हो गई। बताया जा रहा है कि रास्ते में एक जगह बच्चों ने शोर मचाया, जिससे आसपास के लोग सतर्क हो गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी।

सूचना मिलते ही पुलिस ने नाकाबंदी कर आरोपी की गाड़ी को रोक लिया। तलाशी के दौरान गाड़ी से एक नकली पिस्तौल और कुछ रस्सियां बरामद हुईं। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया और बताया कि वह पिछले कई महीनों से कर्ज में दबा हुआ था। कर्ज चुकाने और पैसों की व्यवस्था करने के लिए उसने इस वारदात को अंजाम देने की सोची।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, धमकी और गैरकानूनी हथियार रखने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी के पीछे कोई और भी शामिल है या नहीं।

इस घटना ने शिमला में स्कूलों और माता-पिता के बीच चिंता बढ़ा दी है। अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को अनजान लोगों से लिफ्ट न लेने की हिदायत दें और घर-स्कूल के सफर के दौरान सतर्क रहें। स्कूल प्रबंधन को भी निर्देश दिए गए हैं कि छुट्टी के समय बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।

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