शाहरुख खान की उस फ्लॉप फिल्म को जिसने 18 अवॉर्ड्स जीते.. – News On Radar India
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शाहरुख खान की उस फ्लॉप फिल्म को जिसने 18 अवॉर्ड्स जीते..

IMDb रेटिंग 8.2, बॉक्स ऑफिस पर असफल लेकिन क्रिटिक्स और अवॉर्ड्स में शानदार प्रदर्श….

बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान की फिल्मों को लेकर हमेशा दर्शकों में जबरदस्त क्रेज रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी एक फिल्म, जिसे बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप घोषित कर दिया गया था, ने कुल 18 अवॉर्ड्स अपने नाम किए और IMDb पर 8.2 की जबरदस्त रेटिंग भी हासिल की है? हम बात कर रहे हैं स्वदेस की — एक ऐसी फिल्म जिसने भारतीय सिनेमा में समाजिक मुद्दों और इमोशनल जुड़ाव को बेहद खूबसूरती से दर्शाया।

2004 में रिलीज़ हुई स्वदेस का निर्देशन किया था आशुतोष गोवारिकर ने, जिन्होंने इससे पहले आमिर खान की लगान जैसी ऐतिहासिक फिल्म बनाई थी। स्वदेस में शाहरुख खान ने एक NRI वैज्ञानिक मोहन भार्गव की भूमिका निभाई थी, जो नासा में काम करता है और भारत आकर अपने गांव की हालात देख भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है। फिल्म की कहानी एक गहरे सामाजिक संदेश को सामने लाती है — प्रवासी भारतीयों को अपने देश की ज़रूरतों और समस्याओं से जोड़ने का।

बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भले ही बड़ी कमाई न कर सकी हो, लेकिन इसकी गहराई, संवेदनशीलता और विषयवस्तु को लेकर इसे समीक्षकों से भरपूर सराहना मिली। फिल्म ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते, जिनमें बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर, बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन (ए.आर. रहमान) और बेस्ट स्क्रीनप्ले जैसे अवॉर्ड्स शामिल हैं।

फिल्म का संगीत भी बेहद लोकप्रिय हुआ, खासकर गाना “यह जो देश है तेरा” आज भी देशभक्ति के गीतों में सबसे ऊपर गिना जाता है। इस फिल्म ने शाहरुख खान के अभिनय को एक नए स्तर पर पहुंचाया और उन्हें बतौर एक गंभीर अभिनेता स्थापित किया, जो सिर्फ रोमांस के ही नहीं, बल्कि अर्थपूर्ण सिनेमा का भी हिस्सा हो सकते हैं।

स्वदेस को समय के साथ ‘कल्ट क्लासिक’ का दर्जा मिल गया है। भले ही उस समय की जनता ने इसे बड़े पैमाने पर नहीं अपनाया, लेकिन आज के दर्शक इसे बार-बार देखना पसंद करते हैं। सोशल मीडिया और फिल्म समीक्षकों के अनुसार, यह फिल्म आज की नई पीढ़ी को प्रेरणा देती है कि कैसे एक व्यक्ति बदलाव की शुरुआत कर सकता है।

यह फिल्म एक उदाहरण है कि सफलता सिर्फ बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों से नहीं मापी जा सकती। कभी-कभी सिनेमा का असली असर समय के साथ सामने आता है, और स्वदेस इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।

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