शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को कीर्ति चक्र
गोली लगने के बावजूद डटे रहे, आतंकी ढेर कर टीम की जान बचाई…….
पंजाब : के वीर सपूत कर्नल मनप्रीत सिंह को उनकी अद्वितीय वीरता के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें उस साहसिक अभियान के लिए मिला, जिसमें उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों से लोहा लिया और अपनी टीम के कई जवानों की जान बचाई। कर्नल मनप्रीत जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में शहीद हो गए थे।
सैन्य कार्रवाई के दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह को आतंकवादियों की गोली लग गई थी, लेकिन उन्होंने मोर्चा नहीं छोड़ा। घायल होने के बावजूद वे डटे रहे और एक आतंकी को मार गिराया। उनके इस साहसिक प्रयास से न सिर्फ मिशन सफल हुआ, बल्कि उनकी टीम के अन्य सदस्यों की जान भी बच गई। देश ने उनके अद्वितीय बलिदान को सलाम किया है और उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से नवाजा गया है, जो शांति काल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
कर्नल मनप्रीत सिंह पटियाला जिले के रहने वाले थे और शुरू से ही सेना में जाने का सपना देखा करते थे। उन्होंने भारतीय सेना में सेवा करते हुए कई ऑपरेशनों में भाग लिया था और हमेशा अपनी बहादुरी से उदाहरण पेश किया। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जिनके लिए यह सम्मान गर्व का पल तो है, लेकिन उनका जाना एक अपूरणीय क्षति भी है।
राष्ट्रपति द्वारा उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर पूरे पंजाब में गर्व और श्रद्धा का माहौल है। गांव-शहरों में लोगों ने उनकी तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सेना ने भी उन्हें सलामी देते हुए उनके योगदान को याद किया।
कर्नल मनप्रीत सिंह का यह बलिदान आने वाली पीढ़ियों को देशसेवा और वीरता की प्रेरणा देता रहेगा। उनकी कहानी भारत के हर नागरिक को यह सिखाती है कि सच्चा योद्धा कभी पीछे नहीं हटता, चाहे सामने मौत ही क्यों न खड़ी हो।
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