वक्फ संशोधन बिल से क्यों मचा है राजनीतिक घमासान
News around you

वक्फ संशोधन बिल से क्यों मचा है राजनीतिक घमासान

लोकसभा में पेश होगा बिल, विपक्ष ने जारी किया व्हिप….

114

आज लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा, जिसे लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। सरकार का दावा है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और सुधार लाने के लिए लाया जा रहा है, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि यह मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप करने की कोशिश है। इसी को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है।

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस बिल पर सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। इसके चलते संसद में सरकार को संख्या बल में कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और AIMIM समेत कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करने की तैयारी कर ली है।

विपक्ष का आरोप है कि सरकार वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण पाना चाहती है और इस कानून के जरिए उनके प्रबंधन में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के बराबर है और इसे जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

सरकार की ओर से कहा गया है कि इस बिल का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, वक्फ बोर्डों में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने और इन संपत्तियों के सही इस्तेमाल के लिए यह संशोधन जरूरी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल न सिर्फ धार्मिक बल्कि राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील है। मुस्लिम समुदाय के एक बड़े वर्ग में इस बिल को लेकर नाराजगी देखी जा रही है, जबकि भाजपा इसे प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बता रही है।

पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। मुस्लिम संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इसे पास करने से पहले समुदाय के धार्मिक नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली जाए।

संसद में आज इस बिल को लेकर गरमागरम बहस होने की संभावना है। विपक्ष के तीखे सवालों के बीच सरकार को इसे पारित कराने के लिए पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस बिल को आसानी से पारित करवा पाती है या फिर यह विपक्ष के विरोध के चलते किसी संसदीय समिति के पास भेज दिया जाता है।

You might also like

Comments are closed.

Join WhatsApp Group