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वक्फ संशोधन बिल पर चंद्रशेखर आजाद का सरकार पर वार

हम चुप नहीं बैठेंगे’ – चंद्रशेखर आजाद ने सरकार को दी चुनौती…..

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वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर देशभर में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी (ASP) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इस बिल को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इस कानून पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे संविधान विरोधी बताया।

चंद्रशेखर आजाद का तीखा बयान
एक जनसभा को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “यह बिल अल्पसंख्यकों और दलितों के हक छीनने की साजिश है। अगर सरकार सोच रही है कि हम इसे चुपचाप स्वीकार कर लेंगे, तो यह उनकी भूल है। हम इस बिल का विरोध करेंगे और सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेंगे।”

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों के नियंत्रण को बदलने और उन्हें हड़पने की योजना बना रही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल मुसलमानों से ही नहीं, बल्कि देश के सभी हाशिए पर खड़े समुदायों के अधिकारों से जुड़ा है।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण से जुड़े प्रावधानों में बदलाव के लिए सरकार यह संशोधन बिल लाई है। इस बिल का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़ी पारदर्शिता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में बदलाव करना बताया जा रहा है। हालाँकि, विपक्षी दल और कई सामाजिक संगठनों ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताया है।

राजनीतिक हलचल तेज
इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस, AIMIM और अन्य दलों ने इस बिल को सांप्रदायिक बताया है और इसे वापस लेने की मांग की है।

चंद्रशेखर आजाद ने इस मुद्दे पर संसद में जोरदार बहस की मांग करते हुए कहा, “अगर यह बिल पारित हुआ, तो यह संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ होगा।”

क्या होगा आगे?
इस बयानबाज़ी के बाद सियासी हलचल और तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा मुद्दा बन सकता है और इसका असर कई राज्यों की राजनीति पर पड़ेगा।

अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या इस बिल को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज होंगे या नहीं।


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