लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा की बड़ी खामी, फिरौती में पांच जिंदगियाँ बच सकती थीं
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर न होने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे पांच जिंदगियाँ गईं, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल थे।
लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा की बड़ी खामी, फिरौती में पांच जिंदगियाँ बच सकती थीं
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर न होने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे पांच जिंदगियाँ गईं, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल थे।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बुधवार तड़के हुए भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। इस हादसे में तीन डॉक्टरों सहित पांच लोगों की जान चली गई, जब उनकी कार डिवाइडर पर चढ़कर दूसरी लेन में ट्रक से टकराई। हादसे की सबसे बड़ी वजह लखनऊ एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर की कमी मानी जा रही है।
सीआरआरआई की सड़क सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि एक्सप्रेसवे पर कई खामियाँ हैं, जिन्हें सुधारने के लिए सिफारिशें की गई थीं। लेकिन इन सिफारिशों को लागू करने में देर हो गई, और इससे कई दुर्घटनाएं हुईं। सीआरआरआई ने केंद्रीय रिज पर क्रैश बैरियर लगाने का सुझाव दिया था, लेकिन अब तक इनका निर्माण नहीं हो सका।
सीआरआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर की ऊंचाई मानक से कम थी, और कई स्थानों पर ये बैरियर पूरी तरह से गायब थे। इसके अलावा, सड़क किनारे की रेट्रो-रिफ्लेक्टिव मार्किंग की कमी भी दुर्घटनाओं को बढ़ावा देती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने कहा कि अगर एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर होते तो इस दुर्घटना को रोका जा सकता था। अब वक्त है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इन खामियों को दूर करे और सड़क सुरक्षा में सुधार लाए।
#LucknowExpressway में इस हादसे के बाद सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, और इसका खामियाजा पांच परिवारों ने भुगता है।
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