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राज्य चुनाव आयोग का नया नियम: एनओसी के बजाय सेल्फ एफिडेविट पर चुनाव लड़े जा सकेंगे

इस बदलाव से अधिक प्रत्याशियों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा।

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पंजाब पंचायत चुनाव: बड़ा फैसला, एनओसी की जगह सेल्फ एफिडेविट

मतदान की तिथि और प्रक्रिया
पंजाब की 13,237 पंचायतों के लिए मतदान 15 अक्तूबर को होगा। उसी दिन शाम चार बजे से मतगणना शुरू होगी, और इसके बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बार पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ा जाएगा।

नामांकन प्रक्रिया में बदलाव
पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने से पहले एरिया बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) या नो ड्यू सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना आवश्यक होता था। लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

सेल्फ एफिडेविट का विकल्प
राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी के अनुसार, यदि किसी कारण से प्रत्याशी एनओसी नहीं ले पाता है, तो वह सेल्फ एफिडेविट देकर भी नामांकन पत्र भर सकेगा। इससे उसका नामांकन रद्द नहीं होगा। यह कदम पंचायत चुनाव में अक्सर एनओसी सर्टिफिकेट संलग्न न होने की वजह से नामांकन रद्द होने की समस्या को हल करने के लिए उठाया गया है।

एफिडेविट की शर्तें
प्रत्याशी को एफिडेविट में यह बताना होगा कि जिस ग्राम पंचायत के चुनाव में वह प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहा है, उस पर कोई टैक्स या फीस बकाया नहीं है। इसके साथ ही, यह भी घोषणा करनी होगी कि वह पंजाब स्टेट इलेक्शन कमीशन एक्ट-1994 के सेक्शन-11 के तहत पंचायत की किसी संपत्ति या जमीन पर काबिज नहीं है।

ग़लत जानकारी पर चुनाव रद्द
चौधरी ने बताया कि नामांकन के समय जो एफिडेविट दिए जाएंगे, उन्हें वेरिफिकेशन के लिए संबंधित पंचायत और अथॉरिटी को भेजा जाएगा। यदि 24 घंटे के अंदर वेरिफिकेशन रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती, तो एफिडेविट के आधार पर नामांकन स्वीकार किया जाएगा। यदि प्रत्याशी जीतता है और बाद में एफिडेविट गलत पाया जाता है, तो उस पंचायत का परिणाम रद्द कर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे।

निगरानी के लिए अधिकारियों की नियुक्ति
चौधरी ने जानकारी दी कि चुनाव को शांति से कराने के लिए 23 आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाएगा। सरपंच और हर वार्ड के पंचों के मतदान के लिए ग्राउंड लेवल पर 96,000 सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

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