राजस्थान में 2699 जर्जर भवन होंगे ध्वस्त
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राजस्थान में 2699 जर्जर भवन होंगे ध्वस्त

स्वायत्त शासन विभाग ने दिए सीलिंग और तोड़फोड़ के निर्देश, सभी निकायों को मिले आदेश…..

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जयपुर राजस्थान में अब जर्जर और खतरनाक इमारतों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने ऐसे 2699 भवनों की पहचान की है, जिन्हें अब सील कर तोड़ा जाएगा। ये वे इमारतें हैं जो अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं, बेहद खराब स्थिति में हैं और लोगों के जीवन के लिए खतरा बन चुकी हैं।

गुरुवार को विभाग ने सभी नगरीय निकायों की एक बैठक कर यह अहम निर्णय लिया। आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि जिन भवनों को खतरे की श्रेणी में रखा गया है, उन्हें तुरंत सील किया जाए और चरणबद्ध तरीके से ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा है कि लोगों की जान और माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रदेश के कई हिस्सों से लगातार खबरें आती रही हैं कि पुराने और कमजोर भवन बारिश या मामूली भूकंप में गिर जाते हैं। इससे ना सिर्फ जानमाल की हानि होती है, बल्कि आसपास के लोगों में भी भय का माहौल बन जाता है। खासकर बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं अधिक सामने आती हैं। इन्हीं संभावित खतरों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

बैठक में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कई बार लोग इन जर्जर भवनों को खाली नहीं करते या फिर अदालतों में याचिकाएं दाखिल कर कार्रवाई को रोकने का प्रयास करते हैं। इसलिए अब कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी मोर्चे पर भी रणनीति तैयार की जाएगी ताकि ध्वस्तीकरण में कोई बाधा न आए।

इन भवनों की पहचान स्थानीय निकायों द्वारा की गई है, जिनमें निगम, पालिकाएं और पंचायत स्तर के अधिकारी शामिल थे। उन्होंने रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंप दी थी, जिसके बाद यह आदेश जारी किए गए हैं। इसके अंतर्गत जयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे कस्बों और गांवों में भी कार्रवाई होगी।

राज्य सरकार का मानना है कि इस तरह की योजनाएं ना केवल सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं, बल्कि शहरों की सुंदरता और स्वच्छता में भी योगदान देती हैं। इसके साथ ही इस जमीन का उपयोग भविष्य में पार्किंग, सामुदायिक भवन, या अन्य सार्वजनिक सेवाओं के लिए किया जा सकेगा। प्रदेशवासियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। कई लोगों का कहना है कि लंबे समय से वे ऐसे भवनों के गिरने के डर में रह रहे थे। अब जब प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं, तो लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

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