युजवेंद्र चहल बोले- मैं धोखेबाज नहीं हूं
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युजवेंद्र चहल बोले- मैं धोखेबाज नहीं हूं

धनश्री संग तलाक पर पहली बार चहल ने तोड़ी चुप्पी, बोले- दुनिया छोड़ने का सोच लिया था….

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नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने पहली बार अपने तलाक को लेकर चुप्पी तोड़ी है। चहल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब उनका और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा का रिश्ता टूटा, तब वह बेहद कठिन दौर से गुजर रहे थे। चहल ने कहा कि उस वक्त दुनिया को अलविदा कहने का भी मन बना लिया था। उन्होंने यह भी बताया कि समाज ने उन्हें बिना सोचे-समझे ‘धोखेबाज’ कहना शुरू कर दिया था।

चहल ने अपने दिल की बात रखते हुए कहा, “लोग बिना पूरी सच्चाई जाने किसी को भी जज करने लगते हैं। मैंने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा, लेकिन जब मेरे अपने रिश्ते में दरार आई, तो लोगों ने सोशल मीडिया पर मुझे जमकर ट्रोल किया। किसी ने पूछा तक नहीं कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। उस वक्त ऐसा लगा कि शायद अब जीने का कोई मतलब नहीं बचा।”

उन्होंने आगे कहा कि वो हमेशा से अपने करीबियों के लिए सब कुछ दिल से करते आए हैं। “मैंने कभी कुछ मांगा नहीं, बस लोगों को दिया है। मैं दो बहनों का भाई हूं और मुझे अच्छी तरह पता है कि महिलाओं की इज्जत कैसे की जाती है। इसलिए जब मुझे धोखेबाज कहा गया, तो बहुत तकलीफ हुई,” चहल ने भावुक होते हुए कहा।

यह पहली बार है जब चहल ने अपने निजी जीवन से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल दौर में अगर उनके कुछ करीबी दोस्त और परिवार साथ न होते, तो शायद वह ये सब झेल नहीं पाते।

चहल और धनश्री वर्मा की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी। सोशल मीडिया पर दोनों की जोड़ी को फैंस खूब पसंद करते थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से दोनों के बीच की दूरी और तलाक की खबरों ने सबको चौंका दिया। हालांकि, धनश्री ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इस बातचीत के जरिए चहल ने उन तमाम लोगों को जवाब देने की कोशिश की है, जो बिना वजह उन्हें दोषी ठहरा रहे थे। उन्होंने कहा कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन इंसान को मजबूत रहकर उनका सामना करना चाहिए। “मैंने हार नहीं मानी और आज भी मैदान पर पूरे जोश के साथ खेल रहा हूं,” उन्होंने कहा।

उनकी यह भावुक बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और फैंस एक बार फिर उनके समर्थन में सामने आ रहे हैं। चहल के इस साहसिक और सच्चे बयान ने यह दिखा दिया है कि एक खिलाड़ी के पीछे भी एक संवेदनशील इंसान होता है, जो दर्द और अकेलेपन से भी जूझता है।

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