मोनालिसा की पहली फिल्म की शूटिंग शुरू
‘द डायरी ऑफ मणिपुर’ में निभाएंगी एक आर्मी ऑफिसर की बेटी का दमदार किरदार……
इटावा महाकुंभ में माला बेचने वाली एक साधारण लड़की से लेकर सोशल मीडिया पर वायरल सेंसेशन बनने तक का सफर तय करने वाली मोनालिसा अब एक्ट्रेस के रूप में बड़ा मुकाम छूने को तैयार हैं। हाल ही में उनके पहले म्यूजिक एल्बम “सादगी” ने इंटरनेट पर काफी लोकप्रियता हासिल की थी और अब मोनालिसा अपनी पहली फीचर फिल्म “द डायरी ऑफ मणिपुर” से बॉलीवुड में कदम रख रही हैं। फिल्म की शूटिंग इटावा के ऐतिहासिक राजा सुमेर सिंह किले में शुरू हो चुकी है और इसे डायरेक्ट कर रहे हैं जाने-माने निर्देशक सनोज मिश्रा।
“द डायरी ऑफ मणिपुर” न सिर्फ एक फिल्म है, बल्कि एक सच्ची कहानी पर आधारित प्रेरणादायक यात्रा है। इसमें मोनालिसा एक आर्मी ऑफिसर की बेटी का किरदार निभा रही हैं, जो अपने पिता के आदर्शों पर चलती है और खुद डिफेंस में जाने का सपना देखती है। यह किरदार एक भावनात्मक संघर्ष, साहस और आत्मनिर्भरता की मिसाल है, जिसे मोनालिसा पूरी संजीदगी से निभा रही हैं। मोनालिसा ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह किरदार उनके दिल के बेहद करीब है क्योंकि इसमें नारीशक्ति, संघर्ष और देशभक्ति की भावना गहराई से जुड़ी हुई है।
फिल्म में मोनालिसा के साथ कई सशक्त कलाकार भी नजर आएंगे, जिनमें अमित राव, दिनेश त्रिवेदी और अभिषेक त्रिपाठी जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में होंगे। फिल्म के निर्माता धीरेन्द्र चैबे हैं और सह-निर्माता संजय भूषण पटियाला हैं। फिल्म का संगीत शेखर संतोष ने दिया है, जिसमें अन्नु प्रिया की आवाज ने खास जान डाल दी है। वहीं गीतकार की जिम्मेदारी खुद निर्देशक सनोज मिश्रा ने निभाई है।
“द डायरी ऑफ मणिपुर” की कहानी न सिर्फ एक बेटी के सपनों की उड़ान है, बल्कि मणिपुर जैसे राज्य में हो रही सामाजिक और व्यक्तिगत चुनौतियों की भी गहराई से झलक दिखाती है। लव स्टोरी के साथ-साथ इस फिल्म में महिला सशक्तिकरण, परिवार के प्रति कर्तव्य और राष्ट्रीय भावना का सुंदर मेल देखने को मिलेगा। फिल्म का छायांकन साहिल अंसारी कर रहे हैं और कोरियोग्राफी दिलीप मिस्त्री द्वारा की गई है। वहीं शाहनवाज आलम, पवन सिंह और सत्यदेव गुप्ता जैसे अनुभवी नाम इसके लाइन प्रोड्यूसर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
यह फिल्म न सिर्फ मोनालिसा के करियर में एक बड़ा कदम है, बल्कि दर्शकों को भी एक प्रेरणादायक कहानी से जोड़ने वाली है। “द डायरी ऑफ मणिपुर” आने वाले समय में भारतीय सिनेमा में एक सशक्त संदेश छोड़ सकती है — एक बेटी के संघर्ष की कहानी जो हर दिल को छू ले।