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महाकुंभ 2025: अचानक महाकुंभ से लौटीं लॉरेन पॉवेल,

10 दिन तक करना था प्रवास; जाते हुए गुरु से ली ये दीक्षा....

लॉरेन पॉवेल ने महाकुंभ में तीन दिन बिताए, गुरु से ली दीक्षा और आगे भूटान के लिए रवाना हुईं……

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प्रयागराज : एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंची थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें तीन दिन में ही वापस लौटना पड़ा। पहले वह 10 दिनों तक महाकुंभ में रहकर अनुभव प्राप्त करने वाली थीं, लेकिन एलर्जी की समस्या के कारण उन्हें जल्दी लौटना पड़ा।महाकुंभ 2025: अचानक महाकुंभ से लौटीं लॉरेन पॉवेल, 10 दिन तक करना था प्रवास; जाते हुए गुरु से ली ये दीक्षा
लॉरेन ने 13 जनवरी को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में प्रवास किया। वह मकर संक्रांति पर स्नान करने की योजना बना रही थीं, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। बुधवार को उन्होंने स्वामी कैलाशानंद से दीक्षा ली और महाकाली के बीज मंत्र “ॐ क्रीं महाकालिका नमः” का जाप करने का संकल्प लिया।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन को उनके आध्यात्मिक यात्रा के दौरान नया नाम ‘कमला’ दिया। उन्होंने बताया कि लॉरेन महाकुंभ में सनातन धर्म की गहरी समझ के लिए आई थीं और बहुत साधारण और सौम्य स्वभाव की हैं। उनकी यात्रा ने यह साबित किया कि वह दुनिया के सबसे अमीर और प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक होने के बावजूद अहंकार से परे हैं।

लॉरेन पॉवेल ने महाकुंभ में आने से पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन भी किए थे, जहां उन्होंने गंगा में नौकायन के बाद बाबा के दरबार में आशीर्वाद लिया था।

स्टीव जॉब्स ने 1974 में भारत आने की इच्छा जताई थी, विशेष रूप से कुंभ मेला देखने का मन था, लेकिन यह कभी संभव नहीं हो सका। माना जा रहा है कि लॉरेन ने अपने पति की इस इच्छा को पूरा करने के लिए महाकुंभ यात्रा की।

अब, लॉरेन पॉवेल भूटान के लिए रवाना हो गईं। 1932 के बाद प्रयागराज एयरपोर्ट से यह पहली इंटरनेशनल फ्लाइट थी जो सीधे भूटान गई, जिसमें लॉरेन पॉवेल भी शामिल थीं।

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