भारत का आतंक पर वार, पाक की पोल
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेशों में खोलेगा पाकिस्तान का आतंकी चेहरा
नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को वैश्विक स्तर पर उजागर करने की एक बड़ी रणनीति तैयार की है। युद्ध के मोर्चे पर पाकिस्तान को झुका देने के बाद अब भारत कूटनीतिक स्तर पर उसकी पोल खोलने के लिए तैयार है। इसके तहत केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जिसमें 40 सांसदों को शामिल किया गया है। ये सांसद विभिन्न विपक्षी और सत्ताधारी दलों से हैं और इनका मकसद एकजुट होकर दुनिया को पाकिस्तान के आतंकी समर्थन का प्रमाण देना है।
इस प्रतिनिधिमंडल को सात टीमों में बांटा गया है, और सभी टीमें अलग-अलग देशों का दौरा करेंगी। इनका उद्देश्य है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया जाए कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को संरक्षण देता है और भारत में शांति भंग करने की कोशिश करता है। ये टीमें वहां की सरकारों, सांसदों, और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से मिलकर पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर ठोस सबूत और जानकारियां साझा करेंगी।
केंद्र सरकार का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे यह भी संदेश जाएगा कि भारत आतंक के मुद्दे पर न सिर्फ आंतरिक रूप से बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एकजुट है और सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एकमत हैं। यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर सर्वदलीय सांसदों को आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बनाया गया है।
इस पूरी कवायद का मकसद यह है कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए और वह आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति से पीछे हटे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि वैश्विक मंचों पर भारत की बात अधिक मजबूती से सुनी जाए। भारत इस अभियान के जरिए यह दिखाना चाहता है कि आतंकवाद सिर्फ उसका नहीं बल्कि पूरी दुनिया का दुश्मन है, और इसके खिलाफ सबको मिलकर खड़ा होना होगा।
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