टोंक राजस्थान के टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध से आज सुबह जल प्रबंधन को लेकर एक अहम कदम उठाया गया। सुबह के समय बांध के तीन गेट बंद कर दिए गए। वहीं, शेष तीन गेटों से बनास नदी में 18030 क्यूसेक प्रति सेकंड की दर से पानी छोड़ा जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य बांध के जलस्तर को संतुलित बनाए रखना और नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ की आशंका को कम करना है।
बीसलपुर बांध न केवल टोंक, बल्कि जयपुर, अजमेर और आसपास के कई क्षेत्रों की पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है। इस बांध का जलस्तर मॉनसून के समय में विशेष ध्यान देने योग्य होता है, क्योंकि अधिक बारिश के चलते जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में गेट खोलना और समय रहते बंद करना एक बहुत ही रणनीतिक निर्णय होता है।
पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के कई हिस्सों में भारी वर्षा हो रही है। इससे बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। शनिवार को जब जलस्तर अधिकतम सीमा के करीब पहुंच गया, तब प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर कुछ गेट खोले थे, जिससे पानी का बहाव नियंत्रित रूप से किया जा सके। परंतु आज सुबह स्थिति में संतुलन आने के बाद तीन गेटों को बंद कर दिया गया, जिससे पानी का निकास अब तीन गेटों से ही हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस निर्णय की सराहना की है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल बांध की स्थिति पूरी तरह सुरक्षित है और जल स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पुनः बारिश होती है और जलस्तर में फिर से वृद्धि होती है, तो आवश्यकता अनुसार गेटों को खोला जा सकता है।
बनास नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए मछुआरों, किसानों और तटीय गांवों के निवासियों से आग्रह किया गया है कि वे नदी के निकट न जाएं। प्रशासन की टीमें भी लगातार गश्त कर रही हैं। बीसलपुर बांध की यह स्थिति एक बार फिर यह याद दिलाती है कि जल संसाधनों के प्रबंधन में सतर्कता और तकनीकी समझ कितनी जरूरी होती है। इस प्रकार के निर्णय न केवल लाखों लोगों की जल आवश्यकताओं को संतुलित करते हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित करते हैं।