बीट बॉक्स में टैक्सी ड्राइवर की पिटाई
चंडीगढ़ में पुलिस सिपाहियों की बर्बरता उजागर, झूठी FIR से फंसा चालक
चंडीगढ़ में पुलिस पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। सारंगपुर थाने में तैनात दो सिपाहियों की करतूत ने पूरे शहर को चौंका दिया है। बीते गुरुवार रात करीब 11 बजे की घटना है, जब एक टैक्सी चालक मंजीत अपने चाचा के बेटे सुमित के साथ कार में बैठकर खाना खा रहा था। वे लोग सेक्टर-25 के पास खड़े थे, तभी पुलिस की वर्दी में दो लोग वहां पहुंचे।
दोनों सिपाहियों ने बिना किसी जांच के आरोप लगाया कि ये लोग सार्वजनिक स्थान पर शराब पी रहे हैं। मंजीत और सुमित ने विरोध किया और कहा कि वे सिर्फ खाना खा रहे हैं। लेकिन पुलिसकर्मी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने खुद मंजीत की गाड़ी की चाबी ली और दोनों को गाड़ी में बिठाकर खुड्डा लाहौरा के बीट बॉक्स पर ले गए।
वहां ले जाकर दोनों सिपाहियों ने मंजीत और सुमित की बेरहमी से पिटाई की। बताया जा रहा है कि दोनों को डंडों और लात-घूसों से पीटा गया। घटना के बाद जब मंजीत ने यह मामला उठाया, तो पुलिस ने शुरू में इनकार कर दिया कि ऐसा कुछ हुआ है। लेकिन बाद में बीट बॉक्स के सीसीटीवी फुटेज सामने आए, जिसमें पुलिस की ज्यादती साफ नजर आई।
इन फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि दोनों युवक शांत थे और किसी भी तरह का हंगामा नहीं कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें जबरदस्ती पीटा गया। सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों आरोपी सिपाही, जो खुद कानून के रक्षक हैं, उन्होंने ही कानून का खुला उल्लंघन किया। इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंजीत ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की है और कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
फिलहाल पुलिस विभाग ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है और जांच के आदेश दे दिए हैं। मगर आम जनता में इस घटना को लेकर गुस्सा है। लोग पूछ रहे हैं कि जब वर्दी में लोग ही अन्याय करेंगे, तो आम आदमी किस पर भरोसा करे? पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यह घटना चंडीगढ़ की छवि पर सवाल उठाती है, जहां पुलिस की गुंडागर्दी आम नागरिकों की सुरक्षा पर ही खतरा बन गई है।