चंडीगढ़ में एक टैक्सी चालक के साथ मारपीट का मामला सामने आया है, जिसमें आरोप है कि पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोगों ने उसे बीट बॉक्स में ले जाकर बुरी तरह पीटा। यह घटना 16 जुलाई की बताई जा रही है। पीड़ित टैक्सी चालक मजीत अपने चाचा के बेटे के साथ कार में बैठकर खाना खा रहा था। तभी कुछ लोग, जो पुलिस की वर्दी में थे, उनके पास पहुंचे और मजीत को जबरन पास के बीट बॉक्स में ले गए।
मजीत का कहना है कि बीट बॉक्स में ले जाकर उसे बिना किसी कारण के मारा गया। उसके अनुसार, उसे गालियां दी गईं और डंडों से पीटा गया। पीड़ित की आंखों में आंसू थे जब उसने बताया कि वह सिर्फ खाना खा रहा था और उसका कोई अपराध नहीं था। मजीत ने कहा, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया था। मुझे समझ नहीं आया कि मुझे क्यों मारा गया। मेरी इज्जत भी चली गई और शरीर पर भी चोटें हैं।”
घटना के बाद मजीत को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी प्राथमिक उपचार किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उसके शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए हैं। मजीत के परिवार ने पुलिस से शिकायत की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
हालांकि, चंडीगढ़ पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कोई घटना उनके संज्ञान में नहीं आई है और अगर कोई शिकायत मिली है तो उसकी जांच की जाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बयान देते हुए कहा, “हम हर नागरिक की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना के सामने आने के बाद टैक्सी यूनियन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी विरोध दर्ज कराया है। यूनियन का कहना है कि यह घटना कानून के रखवालों द्वारा कानून तोड़ने का मामला है। टैक्सी यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की पिटाई का नहीं है, यह उन सभी मेहनतकश लोगों के सम्मान का मामला है जो रोज़ अपनी गाड़ी चलाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। अगर वर्दी पहनने वाले ही अन्याय करेंगे तो आम आदमी किस पर भरोसा करेगा? अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।
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