बिशप के चुनाव को रोकने की हो रही है साजिश
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) का एक प्रमुख सूबा है। यहां पर आगामी 12 अक्टूबर 2022 को होने वाले बिशप के चुनाव के लिए तैयारियां चल रही हैं। विश्वशनीय सूत्रों से यह पता चला है कि कुछ बेईमान तत्व उपरोक्त बिशप के चुनाव को अपने निजी स्वार्थों के लिए रोकने की साजिश कर रहे हैं।
बताया जाता है कि इस साजिश के पीछे सेंट थॉमस स्कूल मंदिर मार्ग की प्रिंसिपल अनुराधा अमोस का हाथ है। अनुराधा दशकों से विभिन्न पदों पर चर्च से संबंधित कई परियोजनाओं में काम कर रही हैं।
उनकी सेवानिवृत्ति के बावजूद उनका कार्यकाल सेंट थॉमस स्कूल के प्रिंसिपल के रूप में बढ़ा दिया गया था। लेकिन अब एक बार फिर से अनुराधा ने संबोधित अधिकारियों को अपना सेवा विस्तार देने का लालच दिया है।
सीएनआई में बिशप का पद एक सम्मानित धार्मिक और प्रशासनिक प्रमुख का होता है। हजारों अनुयायी और कई प्रतिष्ठित संस्थान उसकी अध्यक्षता में होते हैं। सीएनआई को क्षेत्रीय रूप से 27 सूबा या क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जिनमें से प्रत्येक में एक बिशप शासन करता है। हाल ही में वित्तीय भ्रष्टाचार और संदिग्ध भूमि सौदों के गंभीर आरोपों के कारण सीएनआई काफी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा हैं। जबलपुर के वरिष्ठतम बिशप प्रेमचंद सिंह और लखनऊ के बिशप पीटर बलदेव जेल में हैं। उनके कार्यकाल के दौरान बिशप पीसी सिंह ने अपने निजी लाभ और चर्च के संसाधनों का दोहन करने के लिए दिल्ली डायसेज में बिशप के चुनाव को रोक दिया था।
बताया जाता है कि अनुराधा अमोस के पीसी सिंह के साथ घनिष्ठ सहयोगी संबंध है।अनुराधा ने ग्रेटर नोएडा में सेंट थॉमस स्कूल और मंदिर मार्ग सेंट थॉमस स्कूल के प्रिंसिपल के पद को बरकरार रखने के लिए उन्हें लालच दिया था।
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