बाजवा के बम बयान पर कोर्ट में सुनवाई
गिरफ्तारी पर रोक जारी, पासवर्ड न देने पर सरकार मांगेगी जवाब…..
पंजाब : के चर्चित नेता अमरजीत सिंह बाजवा के बम वाले विवादित बयान पर आज कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। पिछले सप्ताह एक जनसभा में उन्होंने बयान दिया था कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो “बम भी चल सकता है।” इस बयान के बाद सियासी हलकों में उबाल आ गया और बाजवा के खिलाफ देशद्रोह समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है लेकिन इस मामले में आज सरकार को कई सवालों के जवाब देने हैं।
सरकार की ओर से यह सवाल भी उठाया जाएगा कि जांच में सहयोग न देने और फोन का पासवर्ड न बताने पर क्यों न कार्रवाई की जाए। पुलिस ने दावा किया है कि बाजवा के मोबाइल फोन में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपी हो सकती है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसियों को पासवर्ड देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सरकार कोर्ट से आदेश लेने की कोशिश करेगी कि बाजवा को पासवर्ड साझा करने के लिए बाध्य किया जाए।
बाजवा की तरफ से उनके वकीलों ने दलील दी है कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और उसका मकसद किसी प्रकार की हिंसा या राष्ट्र विरोधी भावना फैलाना नहीं था। उन्होंने कहा कि बाजवा का बयान जनभावनाओं को लेकर था और उसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए न कि आपराधिक दृष्टिकोण से।
वहीं राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया है कि इस तरह के बयान से समाज में दहशत का माहौल बनता है और इसके पीछे किसी गहरी साजिश की आशंका भी हो सकती है। साथ ही सरकार ने कहा है कि मोबाइल डाटा की जांच से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या बाजवा के इस बयान के पीछे कोई संगठित योजना या बाहरी संपर्क हैं।
आज की सुनवाई में यह तय होगा कि बाजवा की गिरफ्तारी पर लगी रोक आगे भी जारी रहेगी या नहीं और क्या उन्हें फोन का पासवर्ड देने के लिए बाध्य किया जा सकता है। यह मामला अब सिर्फ एक विवादित बयान का नहीं रह गया है, बल्कि यह कानून, सुरक्षा और निजता के अधिकारों के टकराव का प्रतीक बन गया है।
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