पहलगाम हमले में मारे गए नहीं शहीद
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका, शहीद दर्जा देने की मांग अस्वीकार…
चंडीगढ़ : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस संबंध में दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका हमले में मारे गए नागरिकों को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि चूंकि इन लोगों की जान देश विरोधी तत्वों के हमले में गई है, इसलिए इन्हें भी सुरक्षाबलों की तरह शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने हालांकि इस दलील को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि शहीद का दर्जा देने का अधिकार नीति निर्धारण से जुड़ा विषय है और यह सरकार के विवेकाधिकार के तहत आता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का कार्य नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप करना नहीं है। अदालत ने यह मानते हुए कि मारे गए लोगों की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है, सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि यह हमला पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान पहलगाम क्षेत्र में हुआ था, जब एक आतंकी हमले में कई यात्रियों की जान चली गई थी। घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों और परिजनों ने मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की थी। इसी मांग को लेकर यह जनहित याचिका दाखिल की गई थी।
कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित परिवारों में निराशा है। उनका कहना है कि उनके परिजन आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के दौरान मारे गए और उन्हें शहीद न मानना अन्याय है। वहीं सरकार की ओर से अभी तक इस विषय पर कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।
हालांकि कानूनी जानकारों का मानना है कि कोर्ट ने कानून के दायरे में रहकर उचित निर्णय लिया है। अब यह पूरी तरह से केंद्र या राज्य सरकार के हाथ में है कि वह भविष्य में इस विषय पर कोई नीति बनाती है या नहीं। इस फैसले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आतंकवाद की घटनाओं में मारे गए निर्दोष नागरिकों को किस श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
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