पहलगाम हमले के शहीदों को सम्मान दो
केंद्र बोला- युद्ध की दहलीज पर हैं, HC ने शांति बनाए रखने की दी सलाह….
चंडीगढ़ : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को लेकर पूरे देश में गुस्सा और शोक का माहौल है। पीड़ित परिवारों और आम जनता की मांग है कि इन मृतकों को शहीद का दर्जा दिया जाए। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा है कि देश इस समय युद्ध जैसी स्थिति के मुहाने पर खड़ा है और सरकार की प्राथमिकता शांति और सुरक्षा बनाए रखना है।
केंद्र सरकार के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा कि यह समय भावनाओं में बहने का नहीं, बल्कि धैर्य रखने का है। हमलावरों को सख्त जवाब दिया जा रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि हमले के बाद पाकिस्तान पर कई आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगाए गए हैं और आगे की कार्रवाई रणनीति के तहत होगी।
इस मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय देश की संवेदनशीलता और सुरक्षा स्थिति को समझता है। अदालत ने भी केंद्र सरकार के जवाब को संतोषजनक बताते हुए पीड़ितों के परिवारों को मुआवज़ा और सरकारी सहायता दिए जाने पर ज़ोर दिया है।
सरकार और न्यायालय दोनों ने यह संकेत दिया है कि अभी किसी भी फैसले को शहीद दर्जा देने से पहले विस्तृत विचार-विमर्श ज़रूरी है।
साथ ही पंजाब और आसपास के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
देशभर में इस आतंकी हमले की निंदा हो रही है और लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल केंद्र सरकार का फोकस आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई पर है और ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े कदम उठाए जा चुके हैं। इस परिस्थिति में सरकार ने सभी नागरिकों से संयम और सहयोग बनाए रखने की अपील की है।
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