पशु परिचर भर्ती पर हाईकोर्ट से राहत
6433 पदों पर जल्द होगी नियुक्ति, 17 लाख से ज्यादा ने किया आवेदन
जोधपुर राजस्थान के युवाओं के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। पशु परिचर भर्ती 2023 पर लगी हाईकोर्ट की रोक को अब हटा दिया गया है, जिससे लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को एक नई उड़ान मिल गई है। लंबे समय से कानूनी अड़चनों और अनिश्चितताओं के कारण रुकी हुई इस भर्ती प्रक्रिया को अब फिर से शुरू किया जाएगा। इस भर्ती के तहत राज्यभर में पशु परिचर के कुल 6433 पदों को भरा जाना है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन पदों के लिए 17 लाख से भी अधिक आवेदन आए थे, जिससे यह साफ है कि राज्य के युवा इस अवसर को लेकर कितने उत्साहित और जरूरतमंद हैं।
यह भर्ती युवाओं के लिए केवल एक नौकरी का अवसर नहीं है, बल्कि यह उन हजारों परिवारों की आजीविका से जुड़ी उम्मीद है जो वर्षों से सरकारी रोजगार की बाट जोह रहे थे। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से पशुपालन एक प्रमुख आजीविका का साधन है, और ऐसे में पशु परिचरों की नियुक्ति से न केवल बेरोजगारों को नौकरी मिलेगी बल्कि पशुधन सेवाओं में भी मजबूती आएगी।
हाईकोर्ट में इस भर्ती को लेकर कुछ याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें चयन प्रक्रिया और आरक्षण को लेकर सवाल उठाए गए थे। लेकिन न्यायालय ने अब उन आपत्तियों को खारिज करते हुए राज्य सरकार को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय न सिर्फ प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी राहत देने वाला है क्योंकि इससे ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग के कामकाज को गति मिलेगी।
पशु परिचर का कार्य ग्रामीण इलाकों में पशुओं की देखभाल, टीकाकरण, बीमारियों की पहचान और जरूरी दवाओं की व्यवस्था से जुड़ा होता है। ऐसे में इन पदों पर नियुक्ति से न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि ग्रामीण स्तर पर पशु सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इससे दुग्ध उत्पादन, पशुधन सुरक्षा और किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सरकार की ओर से कहा गया है कि अब भर्ती प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ तेजी से पूरा किया जाएगा और चयनित अभ्यर्थियों को जल्द ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। यह खबर उन लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है जो अपने जीवन में स्थायित्व और सम्मान की तलाश में थे।
अब देखना यह होगा कि प्रक्रिया किस गति से आगे बढ़ती है और चयन में कितना समय लगता है। लेकिन इतना तय है कि इस फैसले ने सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और न्याय का एक मजबूत संदेश दिया है। यह भी एक संकेत है कि अगर न्यायिक प्रक्रिया को समय पर पार किया जाए तो युवा पीढ़ी का विश्वास शासन और न्यायपालिका दोनों में मजबूत होता है।
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